देहरादून: राज्य निर्माण आंदोलन के समय से ही लापता चल रहे आंदोलनकारियों को भी परीक्षणोपरांत शहीद राज्य आंदोलनकारी का दर्जा दिया जाएगा।
शहीदों के माता पिता के ईलाज की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनो को प्रमाणपत्र व पहचान पत्र संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा अविलम्ब जारी किए जाएंगे। उन्हें बस-पास भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। न्यू केंट रोड़ स्थित सीएम आवास में आयोजित कार्यक्रम में शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने 51-51 हजार रूपए की सम्मान राशि के चैक भी शहीदों के परिजनों को भेंट किए।
शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को सम्मानित करने व उनकी समस्याओं व सुझावों को सुनने के लिए राज्य निर्माण के बाद पहली बार इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कुल 25 शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में 5 शहीदों के परिजन उपस्थित नहीं हो पाए थे। उन्हें सम्मान राशि संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से पहुंचाई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण विषयक विधेयक विधानसभा से पारित करके राजभवन में अनुमति के लिए भेजा गया है। हमारा प्रयास है कि राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके ताकि उनके लिए सम्मान पेंशन प्रारम्भ की जा सके। उत्तराखण्ड निर्माण आंदोलन एक महान आंदोलन था। इसमें सभी लोगों की व्यापक भूमिका थी। बहुत से ऐसे लोग थे जिनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान था परंतु चिन्हिकरण के लिए बनाए गए मानकों में वे नहीं आ पा रहे है। ऐसी ही व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं परंतु इन्हें दूर करते हुए रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य के प्रमुख स्थानों पर शहीद राज्य आंदोलनकारियों के चित्र व प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं और शैक्षणिक संस्थानों सहित विभिन्न्न सरकारी संस्थाओं के नाम इनके नाम पर रखे जा रहे हैं। हमारी आने वाली पीढि़यों को ज्ञात होना चाहिए कि हमने अपना राज्य कितनी शहादतों के बाद पाया था।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनाें को प्रमाणपत्र व पहचान पत्र संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा अविलम्ब जारी किए जाएंगे। उन्होंने मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को इसकी निरंतर समीक्षा करने के निर्देश दिए। मसूरी में शहीद स्थल पर मूर्तियां ठीक न होने की बात पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने नगर पालिका मसूरी के अध्यक्ष को तत्काल फोन कर ठीक करने को कहा। शहीद राज्य आंदोलनकारियों के माता, पिता व विधवा को बस पास जारी किए जाएंगे। साथ ही शहीदों के माता पिता के ईलाज की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। इसके लिए दून अस्पताल व हल्द्वानी मेडिकल कालेज को नामित किया जाएगा। यह बताए जाने पर कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर पूर्व में शहीद राज्य आंदोलनकारियों के एक परिजन को सरकारी नौकरी व 10 लाख रूपए की राशि दी गई थी। परंतु कुछ लोग इसमें छूट गए हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन कर आवश्यक कार्यवाही करें। जो राज्य आंदोलनकारी अभी भी लापता हैं उनको शहीद का दर्जा देते हुए वही सम्मान दिया जाए जो अन्य को दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि 7 वर्ष से लापता लोगों को वैसे भी मृत मान लिए जाने का प्राविधान है। ऐसे मामले जिनमें गोली लगने के बाद ईलाज के दौरान या घर पर मृत्यु हो गई हो, उन मामलो का भी परीक्षण करवाया जाएगा।
कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों ने मुख्यमंत्री श्री रावत के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि राज्य बनने के बाद पहली बार शहीद राज्य आंदोलनकारियों को राज्य सरकार द्वारा याद करते हुए विधिवत सम्मानित किया गया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री रावत की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज हमें लग रहा है कि सरकार हमारे साथ है और हमारी कठिनाईयों को दूर करने के लिए गम्भीर है।
कार्यक्रम में शहीद स्व0 श्री धनपत, स्व0 श्री मदन मोहन, स्व0 श्री बलबीर सिंह, स्व0 श्रीमती बेलमति देवी, स्व0 श्री राजेश रावत, स्व0 श्री दीपक वालिया, स्व0 श्री राजेश रावत, स्व0 श्री सतेंद्र चैहान, स्व0 श्री राजेश लखेड़ा, स्व0 श्री रवींद्र रावत, स्व0 श्री गिरिश चन्द्र, स्व0 श्री राजेश नेगी, स्व0 श्री सूर्यप्रकाश थपलियाल, स्व0 श्री पृथ्वी सिंह बिष्ट, स्व0 श्री राकेश देवरानी, स्व0 श्री अशोक कैशिव, स्व0 श्री प्रताप सिंह, स्व0 श्री विद्यादत्त जूयाल, स्व0 श्री यशोधर बैंजवाल, स्व0 श्री सलीम, स्व0 श्री परमजीत सिंह, स्व0 श्री भगवान सिंह, स्व0 श्री धर्मानन्द व लापता आन्दोलनकारी श्री आत्माराम अमोला व श्री गोपाल दत्त सेमवाल के परिजनों को सम्मानित किया गया।
जबकि शहीद आन्दोलनकारी स्व0 श्रीमती हंसा धनाई, स्व0 श्री रामसिंह बंगारी, स्व0 श्री प्रताप सिंह, स्व0 श्री गोपीचन्द, स्व0 श्री रामपाल के परिजन कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाए थे, मुख्यमंत्री श्री रावत ने इनका सम्मान जिलाधिकारियों के माध्यम से पंहुचाए जाने के निर्देश दिये।
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सचिव विनोद शर्मा, डीएम देहरादून रविनाथ रमन, सहित अन्य महानुभाव उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अपर निदेशक सूचना डा.अनिल चंदोला ने किया।
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