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मुख्यमंत्री हुनर योजना के तहत प्रशिक्षित बालिकाओं एवं संवासिनियों को प्रमाण पत्र देते हुएः मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री हुनर योजना के तहत अल्पसंख्यकों के बेरोजगारों के लिए संचालित विभिन्न कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में

लाभार्थियाें, नारी निकेतन में अध्यासित संवासिनियों व समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित बालिका निकेतन की छात्राओं को फूड प्रोडक्शन प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र वितरित किए। न्यू कैंट रोड़ स्थित सीएम आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह हम सभी कि जिम्मेदारी है कि बच्चों की आंखों में चमक रहे और उनकी आगे की जिन्दगी अच्छी रहे। उन्होंने कहा कि एक-दो वर्ष में हमारा नारी-निकेतन देश के लिये माॅडल होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी, जिससे नारी-निकेतन आने वाली बालिकाओं की पर्सनलिटी में परिवर्तन आये और जब वे बाहर जाये, तो पूरे आत्मविश्वास के साथ। मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान किया कि उत्तराखण्ड में बनी हुई चीजों को अवश्य खरीदें। उन्होंने कहा कि यदि हर घर में केवल एक ऐपण ही लगाया जाय, तो हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज इस कार्यक्रम आकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है। अल्पसंख्यक वर्ग की बालिकाओं, नारी-निकेतन की संवासिनियों व बालिका निकेतन की छात्राओं को जिस प्रकार आत्म निर्भर बनाया गया है, वह काबिले तारीफ है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हुनर में बहुत संभावनाएं है। बहुत से ऐसे काम है जिन्हें हुनर योजना से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वृद्ध लोगों की देखभाल के लिये भी बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है। उधमसिंहनगर में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत कूड़ा बीनने वाले बच्चों को शिक्षा दिलायी जा रही है। उन्हें रोजगार हेतु प्रशिक्षित भी किया जायेगा। ऐसी ही योजना हरिद्वार व देहरादून में भी प्रारम्भ करेंगे। समाज कल्याण विभाग इस तरह की योजना बनाकर लायें, ताकि भविष्य में कोई बच्चा सड़क पर भीख़ मांगता या कुड़ा एकत्र करता ना दिखे। हम उन्हें पढ़ाई व स्किल उपलब्ध करायेंगे। हमारा प्रयास है कि कम से कम आधे युवा रोजगार देने वाले बनें।
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डा. नरेन्द्र जीत सिंह बिन्द्रा ने कहा कि नौजवानों को स्वालम्बी बनाने के लिये मुख्यमंत्री श्री रावत के निर्देशों में अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं न केवल बनाीे गयी है बल्कि उन्हें क्रियान्वित भी किया गया है। उद्यमिता, स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिये गम्भीरता से प्रयास किये जा रहे है।
सचिव समाज कल्याण डाॅ. भूपेन्द्र कौर औलख ने बताया कि हुनर योजना में 150 बालिकाओं को फैशन डिजाइनिंग, ब्यूटिशियन आदि का प्रशिक्षण दिया गया है। नारी-निकेतन की 22 संवासिनियों को निस्बड़ के माध्यम से सिलाई, कडाई, बुनाई का प्रशिक्षण दिया गया है। बालिकागृह की छात्राओं को आईएचएम के सहयोग से फूड प्रोडक्शन व हाउस कीपिंग का कोर्स कराया गया है। नारी-निकेतन की संवासिनियों को उनके परिजनों से मिलाने का काम भी किया जा रहा है। अथक प्रयासों से म्यांमार व बांग्लादेश की लड़कियों के परिजनों का पता लगाया गया है, अब वे अपने घर वापिस जा पायेंगी।
अपना अनुभव बताते हुए सुश्री निधा खान ने कहा, ‘‘ हुनर योजना के माध्यम से प्रशिक्षण लेकर मुझमेंे आत्मविश्वास आया है। जिस कोर्स का खर्चा मैं नहीं उठा सकती थी, वह फ्री आॅफ काॅस्ट करने को मिला। इसके लिये मैं मुख्यमंत्री जी की शुक्रगुजार हूं।’’
नारी-निकेतन की संवासिनी किरन ने कहा, ‘‘प्रशिक्षण कार्यक्रम से बहुत कुछ सिखने को मिला है। लेहमन अस्पताल द्वारा संवासिनियों को प्रशिक्षण देने के लिये मुझे जाॅब आॅफर किया गया है।’’ बालिका निकेतन की शिवानी ने बताया कि होटल मैनेजमेंट के तहत फूड प्रोडक्शन व हाउस किपिंग का प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग हेतु बालिका निकेतन से आईएचएम जाने के लिये विभाग द्वारा बस भी लगायी गयी थी।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविदास जयंती के अवसर पर उपस्थित सभी लोगों में मिष्ठान्न वितरण किया। कार्यक्रम में हुनर परिषद के उपाध्यक्ष अनीश अहमद, अपर सचिव मनोज चन्द्रन आदि उपस्थित थे।

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