श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के स्थायी परिसर का हर हाल में यहीं निर्माण किया जाएगा। इसे किसी भी सूरत में पहाड़ से बाहर शिफ्ट नहीं किया जाएगा। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से यह बात कही। मुख्यमंत्री गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर में भूगोल विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ को यहां पहुंचे थे। उधर, मंगलवार को एनआईटी छोड़कर गए छात्र-छात्राओं के परिजनों की ओर से एनआईटी प्रबंधन को तीसरे दिन भी ई मेल का कोई रिस्पांस नहीं मिला है। प्रबंधन छात्रों के कक्षाओं में लौटने का इंतजार कर रहा है।
इधर, कार्यक्रम में पहुंचे उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि एनआईटी मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात हुई है। एनआईटी के स्थायी परिसर का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा। संस्थान के लिए जलेथा के ग्रामीणों ने 122 एकड़ जमीन नि:शुल्क दी है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग एनआईटी को पहाड़ से बाहर ले जाने का सपना देख रहे हैं, उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा। ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। डा. रावत ने कहा कि एनआईटी के छात्रों के लिए पुराने आईटीआई परिसर में अस्थायी छात्रावास निर्माण पर भी विचार किया जा रहा है। छात्रों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने से दिक्कत है तो उनके लिए शहतूत फार्म से मार्ग बनाया जा सकता है।