लखनऊ: सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस) द्वारा ‘‘ओपेन डे समारोह’’ का भव्य आयोजन आज विद्यालय के सजे-धजे प्रांगण में सम्पन्न हुआ। समारोह में नन्हें-मुन्हें छात्रों ने अपनी कलात्मक व बहुमुखी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। उल्लासपूर्ण माहौल में आयोजित इस समारोह में नन्हें-मुन्हें छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था। समारोह में विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा बहुत ही आकर्षक स्वनिर्मित माॅडल एवं विभिन्न प्रकार की हस्तनिर्मित वस्तुओं का प्रदर्शन देखकर अभिभावक गद्गद हो गये। ‘ओपेन डे समारोह’ में छात्रों ने अपनी कक्षाओं को बहुत ही सुन्दर ढंग से सजाया। जहाँ एक ओर प्री-प्राइमरी के बच्चों ने चित्रकला व कागज के विभिन्न नमूने बनाकर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की वहीं दूसरी ओर प्राइमरी के बच्चों ने अपने नन्हें हाथों के कमाल से जीव-जन्तुओं की दुनिया को सजीव रूप दिया। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों में भी छात्रों की प्रतिभा देखते ही बनती थी।
इस अवसर पर अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि आदर्श शिक्षा ही समाज में रचनात्मक परिवर्तन लायेगी। सी.एम.एस. शुरू से ही विश्वव्यापी सोच और सभी विषयों में उत्कृष्टता के लिए बच्चों को प्रशिक्षित करता है साथ ही उन्हें मानव जाति की सेवा करने के लिए तैयार करता है। हमें भावी पीढ़ी से बहुत आशायें हैं। इनकी जिज्ञासा और रुचि को इस तरह के कार्यक्रमों से बढ़ावा मिलता है। सी.एम.एस. राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती शिप्रा उपाध्याय ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि सी.एम.एस. शिक्षा प्रणाली में वसुधैव कुटुम्बकम के महान आदर्श को ध्यान में रखते हुए विश्व एकता व विश्व शान्ति की शिक्षा दी जाती है। हमारा प्रयास है कि छात्रों को सभी विषयों में उत्कृष्टता के साथ-साथ मानवता की शिक्षा दी जाए जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो एवं यही बच्चे आगे चलकर टोटल क्वालिटी पर्सन बनेंगे।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि ‘ओपेन डे समारोह’ का मुख्य उद्देश्य छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा को अवसर प्रदान करना एवं अभिभावकों को विद्यालय की गतिविधियों एवं शिक्षा पद्धति से जोड़ना है, जिससे अभिभावक सी.एम.एस. की भौतिक, सामाजिक तथा नैतिक शिक्षा पर आधारित ‘ब्राडर एण्ड बोल्डर’ शिक्षा पद्धति से अवगत हो सकें। इस अलावा, इस प्रकार के समारोह नन्हें-मुन्हों बच्चों में उत्साह और आत्मबल का संचार करते हैं।