नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुश्किल बढ़ सकती है। कोल ब्लॉक आबंटन मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मनमोहन सिंह को समन भेजा है। उनको 8 अप्रैल को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। उनके साथ हिंडालको कंपनी, कुमार मंगलम बिरला, पीसी पारेख समेत 6 लोगों को कोर्ट ने समन किया है।
अदालत ने आपराधिक साजिश, विश्वासघात और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत छह लोगों को 8 अप्रैल को समन किया है। साल 2005 में जब बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को ओडिशा के तालाबीरा द्वितीय और तृतीय में कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे, तब कोयला मंत्रालय का प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री के पास था।
दिसंबर में सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और जांच की जरूरत पर बल देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान स्पेशल सीबीआई जज भरत पाराशर ने सीबीआई से सवाल किया था कि उसने कोयला घोटाले के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ क्यों नहीं की, जबकि हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने के वक्त 2005-09 के दौरान सिंह ही कोयला मंत्री भी था।
अदालत के आदेश पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने मनमोहन सिंह का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि पूरा आदेश पढ़ने दीजिए। हमारे पास ऊपरी अदालत में जाने का आप्शन है। कांग्रेस मानती है कि मनमोहन सिंह बेदाग और ईमानदार है।
उधर बिहार में कांग्रेस की दोस्त जेडीयू ने तो सीबीआई पर ही सवाल उठाए हैं उन्होंने कहा है कि सरकारें सीबीआई का दुरुपयोग करती रही है।
वहीं बीजेपी ने इस पूरे मामले पर कहा है कि बीजेपी ने इसका खुलासा किया था और इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर का कहना है कि पिछले यूपीए सरकार में कई बड़े घोटाले हुए लेकिन सरकार जीरो टॉलरेंस की थ्योरी देती रही। अब ये मामला अदालत में है और कोर्ट की प्रक्रिया पूरी होने दीजिए सच और झूठ सामने आ जाएगा।