हितों के टकराव के मामले में लोकपाल डीके जैन के भेजे नोटिस पर वीवीएस लक्ष्मण के जवाब ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. लक्ष्मण ने अपने जवाब में प्रशासकों की कमिटि (CoA) के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा था कि CoA ने कभी भी उनकी भूमिका साफ नहीं की. लक्ष्मण ने अपनी चिट्ठी में ये भी बताया है कि किस तरह CoA ने दिसंबर-2018 में क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (CAC) को महिला टीम का कोच चुनने के लिए महज 24 घंटे दिए थे.
डायना इडुल्जी ने खडे किए थे सवाल
CoA की सदस्य डायना इडुल्जी ने महिला कोच के चयन को लेकर हो रही जल्दबाजी पर कमेटी के अध्यक्ष विनोद राय से सवाल पूछा था. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इडुल्जी ने जो बात कही थी उसे लक्ष्मण की चिट्ठी से और जोर मिलता है और यह एक बार फिर बताता है कि सीओए ने किस तरह महिला टीम का कोच नियुक्त करने में गैर पेशेवर रैवया अपनाया.
बीसीसीआई अधिकारीउस समय काफी कहा गया कि इडुल्जी फालतू में बखेड़ा खड़ा कर रही हैं लेकिन लक्ष्मण की चिट्ठी ने काफी चीजें साफ कर दी हैं और ये सामने आना हैरानी भरी बात है कि CoA महान खिलाड़ियों के साथ किस तरह का बर्ताव कर रही है.
दिसंबर-2018 में इडुल्जी ने जनरल मैनेजर (क्रिकेट ऑपरेशंस) सबा करीम को ई-मेल कर कहा था-
महिला टीम के कोच की नियुक्ति के लिए हम गलत रास्ता अपना रहे हैं. इस पर फैसला सिर्फ सीएसी ले सकती है और अगर वह मना करती है तब भी सीओए को फैसला लेना होगा. इडुल्जी के ईमेल का जवाब देते हुए जौहरी ने कोच की नियुक्ति के एड-हॉक कमेटी बनाने की बात कही थी.
लक्ष्मण ने जैन को लिखे पत्र में कहा है-
दिसंबर 2018 में हमें महिला टीम का कोच नियुक्त करने के लिए बनाए गए पैनल में शामिल होने पर फैसला लेने के लिए 24 घंटे से भी कम का समय दिया गया. हम तीनों ने पहले से तय कार्यक्रम और व्यस्तता के कारण कमिटि में शामिल न होने की बात कही थी.
महिला कोच के चयन के लिए एड-हॉक कमेटी बनाई गई थी, जिसने पूर्व बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन को मुख्य कोच के लिए चुना था.