नई दिल्ली: खुफिया विभाग को 19 मई, 2019 को रात करीब 9 बजे गुजरात के तट पर भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के नज़दीक मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल एक संदिग्ध नौका के होने के संबंध में जानकारी मिली थी। इसी प्रकार की जानकारी 20 मई, 2019 को राजस्व खुफिया निदेशालय को भी प्राप्त हुई थी।
भारतीय तटरक्षक तत्काल हरकत में आ गया और भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री तट रेखा पर गश्त कर रहे भारतीय तटरक्षक जहाज अरिन्जय को इस संदिग्ध नौका के प्रति सतर्क कर दिया गया। जखाऊ और ओखा से दो अतिरिक्त अवरोधक नौकाओं सी-437 और सी-408 को भी इस संदिग्ध नौका की तलाशी का काम सौंप दिया गया। आईसीजी के डोर्नियर विमान को भी 20 और 21 मई को हवाई टोह लेने के लिए पोरबंदर से छोड़ा गया।
तटरक्षक जहाजों और विमान ने इस संदिग्ध नौका को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी की। आईसीजी के जहाजों ने इलाके में लगातार निगरानी जारी रखी। तलाशी के दौरान मछली पकड़ने की एक नौका को संदिग्ध हालत में देखा गया और इलाके में तटरक्षक जहाजों ने अंधेरे में 20 मई को नौका को घेर लिया।
संदिग्ध नौका ने भारत की तरफ समुद्री सीमा रेखा को पार किया और वह जखाऊ तट की ओर बढ़ने लगी संदिग्ध नौका अल मदीना को निगरानी में रखा गया और 21 मई को करीब सवा नौ बजे भारतीय जल क्षेत्र में रोक लिया गया।
नौका पर चढ़ने के बाद पता चला कि मछली पकड़ने की पाकिस्तानी नौका अल मदीना का पंजीकरण कराची में हुआ है और इसमें चालक दल के छह पाकिस्तानी सदस्य थे। भारतीय तटरक्षकों द्वारा आरंभिक तलाशी के दौरान इसमें संदिग्ध नार्कोटिक्स के 194 पैकेट मिले। नौका को विस्तृत पूछताछ के लिए जखाऊ बंदरगाह ले जाया गया।
हाल में 24 मार्च, 2019 को इसी प्रकार की एक कार्रवाई में आईसीजी जहाज राजरतन ने एटीएस, गुजरात के साथ संयुक्त कार्रवाई में एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका से करीब 100 किलीग्राम हेरोइन पकड़ी थी और इस नौका से 9 ईरानी चालक दल के सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया था।
भारतीय तटरक्षक महानिदेशक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि तटरक्षक मादक पदार्थ रोधी और तस्करी रोधी कार्रवाइयों में आगे रहते हैं और अस्तित्व में आऩे के बाद से इसने अब तक 5,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए हैं।