- इस कार्यक्रम का आयोजन मोटवानी जडेजा फाउंडेशन (एमजेएफ) और इसके थिंकटैंक द मोटवानी इंस्टीट्यूट फॉर थॉट लीडरशिप इनोवेशन (एमआईटीएलआई) की ओर से किया जा रहा है। इस ऑनलाइन हैकाथॉन में 3,000 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है। यह 72 घंटे तक चलेगा। ।
- कोड-19 के परिणामस्वरूप सार्वजनिक स्रोत वाली ऐसी गुणात्मक प्रोटोटाइप का विकास हो सकेगा जो कोविड-19 संकट के कारण भारत के समक्ष उत्पन्न विभिन्न चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकेगा।
- प्रतिभागियों को उनके उत्पाद विचारों को तेज करने और उन्हें वास्तविक दुनिया के लिए सफल उत्पादों में बदलने के लिए मेंटर और गाइड मदद करेंगे ताकि वे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सहायता कर सकें।
- इसमें 10,000 अमरीकी डाॅलर के पुरस्कार होंगे।
- पंजीकरण 10 अप्रैल को शाम 6 बजे www.code19.in पर सभी के लिए खुला है।
देहरादून: सिलिकॉन वैली स्थित मोटवानी जडेजा फाउंडेशन सर्वश्रेश्ठ बौद्धिक प्रतिभाओं को एक साथ लाने के लिए कोड-19 के नाम से 72 घंटे के आॅनलाइन हैकथाॅन का आयोजन कर रहा है ताकि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण भारत के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का समाधान खोजा जा सके।
यह प्रतियोगिता 10 अप्रैल, 2020 (गुड फ्राइडे) से शुरू होगी और इसमें विभिन्न देशों तथा नस्लों 3,000 से अधिक प्रतिभागियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान, अपने घरों से आराम से ऑनलाइन काम करते हुए, प्रतिभागी कोविड-19 के समाधान की खोज के लिए मेंटरों, विषय के विशेषज्ञों, डाटा स्रोतों तथा सहयोगियों के एक नेटवर्क के साथ सहयोग करेंगे। ऑनलाइन हैकथॉन किसी भी मानदंड या आयु सीमा के बगैर सभी लोगों और टीमों के लिए खुला है। जो इसमें हिस्सा लेना चाहते हैं वे 10 अप्रैल को शाम 6 बजे तक www.code19.in पर साइन अप कर सकते हैं।
प्रसिद्ध उद्यमी, निवेशक और समाजसेवी तथा मोटवानी जडेजा फाउंडेशन की संस्थापक सुश्री आशा जडेजा मोटवानी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस भारत के सामने एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है। किसी भी नए संकट के मुकाबले के लिए विचारों और समाधान की नई रणनीतियों के समूहों की आवश्यकता होती है। इसलिए, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस बात की जरूरत है कि नए विचारों एवं समाधानों को खोजने के लिए हम सब मिलकर दिमाग लगाएं। कोड-19 एक ऐसा मंच है जो ऐसी बौद्धिक प्रतिभाओं को एक साथ लाता है। इसका उद्देष्य यह है कि साझी कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग की षक्ति का उपयोग करके हम ऐसी गुणात्मक परियोजना तैयार करें जिसका स्रोत सार्वजनिक हो और जो कोरोना वायरस के संकट के कारण देश में उत्पन्न भारी चुनौती का समाधान करने में मददगार साबित हो।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘कोड-19 का लक्ष्य शीध्रता से ऐसे समाधान विकसित करना है जो रोजमर्रा की जिंदगी में लागू हो सके। प्रतिभागियों को कोरोनो वायरस प्रकोप तथा भारत पर इसके प्रभाव को डिकोड करने तथा कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए स्मार्ट समाधान इंकोड करने का काम दिया जाएगा। उन समाधानों को वास्तविक रूप देने के लिए 10,000 अमरीकी डालर के मूल्य के पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रतिभागियों द्वारा विकसित विचार एवं नवाचार देष में स्केलिंग और कार्यान्वयन के लिए आसानी से उपलब्ध होंगे। ”
परियोजनाओं को आठ विशिष्ट विषयों में विभाजित किया गया है – चिकित्सकीय उपचार और परीक्षण; यात्रा एवं पर्यटन; शमन – अलगाव, सुरक्षा/मास्क, और भारत में सोषल डिस्टेंसिंग; सामाजिक जीवन, कल्याण और जागरूकता; अनुसंधान और विकास; कोविड-19 के लिए सार्वजनिक नवाचार; शिक्षा और जागरूकता; और उद्योग।
प्रतिभागी अवधारणा निर्माण, वायरफ्रेम, डिजाइन, विकसित की जा रही प्रोटोटाइप के विकास और परीक्षण के जरिए समाधानों पर काम करेंगे। मेंटर एवं गाइड उनके उत्पाद विचारों को स्पश्ट बनाने तथा निशिचत तौर पर सफल साबित हो सकने वाले वैसे उत्पादों के रूप में परिवर्तित करने के बारे में प्रतिभागियों की मदद करेंगे जो कोरोना वायरस से भारत को लड़ने में मदद कर सकंे। ओपन इनोवेशन श्रेणी में प्रतिभागी अपने विचारों, प्रौद्योगिकियों और नवीन समाधानों, बायोइंफार्मेटिक्स, डाटासेट, डाइग्नोसिस के लिए एप और इसी तरह की अन्य चीजों के बारे में प्रस्ताव कर सकेंगे जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में उपयोगी हो सकेे और जिनका लाभ उठाया जा सके।
कोड-19 के तहत कुछ आॅनलाइन सत्र भी होंगे जिनमें बिजनेस लीडर्स के साथ वार्तालाप के अलावा योगा एवं ध्यान भी षामिल हैं। इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को प्रेरित रखना है। विजेताओं के लिए 10,000 अमरीकी डालर मूल्य की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम के समाप्त होने पर सबसे अच्छी परियोजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए सार्वजनिक मतदान होगा। विजेताओं की घोषणा 14 अप्रैल को रात 9 बजे की जाएगी।
कोड-19 इंडिया बेंगलूरु स्थित हैकरअर्थ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
आयोजकों और सहयोगियों के परिचय
मोटवानी जडेजा फाउंडेशन (एमजेएफ) गैर-लाभकारी, वितरित, वैश्विक उद्यम निधि है जिसकी स्थापना उद्यमी व्यक्तियों को रचनात्मक परिवर्तन लाने वालों के रूप में रूपांतरित करने के उद्देष्य से की गई है। स्टार्ट-अप पोर्टफोलियो इसी लक्ष्य वाक्य को प्रदर्षित करती है। मोटवानी जडेजा फाउंडेशन का उद्देश्य उद्यमियों को सहायता प्रदान करना एवं उन्हें सशक्त बनाना है ताकि वे तेजी से परिवर्तन लाने में सक्षम हो सकें। यह इंडस्ट्री-एग्नाॅस्टिक है और यह खास तौर पर षिक्षा में निवेष, निर्माता आंदोलन तथा महिला अधिकारों का आकलन करता है। इस फाउंडेषन का स्टैनफोर्ड, यूसी बर्कले, गूगल और सिलिकॉन वैली की 200 से अधिक तकनीकी कंपनियों के साथ गहरा जुडाव है। यह दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली विचारक नेताओं, शिक्षाविदों, राष्ट्राध्यक्षों और प्रौद्योगिकी प्रमुखों द्वारा संचालित एक थिंक टैंक को संचालित करता है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया इस वेबसाइट पर जाएं % https://motwanijadejafoundation.com
हैकरअर्थ विभिन्न संगठनों की तकनीकी एवं नियुक्ति संबंधी जरूरतों की पूर्ति के लिए उद्यम साफ्टवेयर समाधान प्रदान करता है। हैकरअर्थ ने अब तक एक हजार से अधिक हैकथाॅनों तथा दस हजार से अधिक प्रोग्रामिंग चुनौतियांें का आयोजन किया है। अपनी स्थापना के बाद से ही हैकरअर्थ ने 30 लाख से अधिक डेवलपरों का आधार तैयार किया है। हैकरअर्थ ने 50 लाख डालर के करीब फंडिंग जुटाई है। आज दुनिया में इसके 750 उपभोक्ता हैं जो इसके एसेसमेंट प्लेटफार्मों का उपयोग करते हैं। इनमें अमेजन, वालमार्ट लैब्स, थ्रोवक्र्स, सोसाइटे जेनेरल, एचपी, वीएमवेयर, डीबीएस, एचसीएल, जीई, विप्रो, बार्कलेज, पिटनी बोवेस, इंटेल और एलएंडटी इंफोटेक षामिल हैं। हैकरअर्थ को जीएसएफ ग्लोबल एवं एंगेल प्राइम से सहायता प्राप्त होती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया इस वेबसाइट पर जाएं -www.hackerearth.com
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