केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नारायण राणे ने कल (25/02/2022) शाम सिंधुदुर्ग के कनकावली में कयर बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया। कयर बोर्ड कोंकण क्षेत्र में कयर उद्योग के विकास के लिए कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस क्षेत्रीय कार्यालय के खुलने से कयर बोर्ड क्षेत्र में और प्रगति आएगा।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक बड़े तटीय क्षेत्र और नारियल के बागान के बावजूद कोंकण ने कयर उद्योग विकसित नहीं किया। मंत्री ने विश्वास जताया कि कनकावली में कयर बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना के साथ कयर उद्योग की मदद से यह क्षेत्र केरल और तमिलनाडु की तरह समृद्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
इससे पहले कल (25/02/2022) दिन में केंद्रीय मंत्री ने कोंकण क्षेत्र में उद्यमिता और व्यापार के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो दिवसीय एमएसएमई संगोष्ठी का उद्घाटन किया, जिसका आज (26/02/2022) समापन हो गया। संगोष्ठी में मंत्री ने यूनियन बैंक एमएसएमई रूपे क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया और सिंधुदुर्ग में 200 करोड़ रुपये का एमएसएमई तकनीकी केंद्र की स्थापना की भी घोषणा की।
कोंकण क्षेत्र में कयर बोर्ड द्वारा कार्यान्वित किए जाने वाले कार्यक्रम निम्न हैं :
• कयर बोर्ड महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में कयर उद्योग के विकास और कोंकण क्षेत्र के साथ-साथ इस कार्यालय के अधिकार क्षेत्र के तहत सभी राज्यों में अधिक विकास गतिविधियों के लिए उन्नत गतिविधियों का संचालन करेगा।
• क्षेत्रीय कार्यालय बोर्ड की सेवाओं के विस्तार के लिए एक विशिष्ट केंद्र और महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात राज्यों में विभिन्न कयर विकास गतिविधियों जैसे ऊष्मायन/कौशल, विपणन, अनुसंधान एवं विकास केंद्र, तकनीकी सहायता, योजना कार्यान्वयन आदि को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
• पुणे, अलीबाग और इसके उपनगरीय शहरों में उपलब्ध विशाल बाजार संभावनाओं की खोज के लिए पुणे में नया कयर बोर्ड शोरूम और बिक्री डिपो खोला जाएगा। पुणे और मुंबई में खरीदार-विक्रेता बैठकें आयोजित की जाएंगी।
• इस क्षेत्र के निर्यातकों की पहचान की जाएगी और निर्यात बाजारों को बढ़ावा देने के लिए मुंबई, विशाखापत्तनम और कांडला के बंदरगाहों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बोर्ड के तहत पंजीकृत किया जाएगा। मौजूदा निर्यातकों की सेवाओं का भी उपयोग किया जा सकता है।
• उद्यमिता विकास कार्यक्रमों, स्फूर्ति योजना सहित मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के जरिए निर्यात क्षेत्र को मजबूत करने के लिए बाजार विकास कार्यक्रमों आदि के बारे में जागरूकता लाकर कयर कारीगरों में जानकारियां बढ़ाई जाएंगी।
• आवश्यक सहायता और वित्तीय सहायता देकर एमएसएमई मंत्रालय की पीएमईजीपी और स्फूर्ति योजनाओं का उपयोग करने वाले संभावित उद्यमियों का सृजन किया जाएगा।
• सीवीवाई-कौशल उन्नयन और महिला कयर योजना के तहत विभिन्न कयर प्रसंस्करण तकनीकों में अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे पीएमईजीपी/स्फूर्ति योजनाओं का लाभ उठाकर कयर क्षेत्र में स्थायी रोजगार और राजस्व सृजन प्राप्त कर सकें।
• कयर क्षेत्र से प्रशिक्षुओं के उत्पाद और एमएसएमई उत्पादों की बिक्री के लिए केंद्र के पास एक डिस्प्ले/प्रमोशनल (प्रदर्शन/प्रचार) आउटलेट होगा।
• स्फूर्ति योजना के तहत कयर कारीगरों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए और अधिक कयर समूह तैयार किए जाएंगे।
• पीएमईजीपी योजना के तहत रोजगार सृजन के लिए अलग-अलग इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इसमें मुख्य रूप से कयर फाइबर और यार्न रेशम और सूत, कयर जियो टेक्सटाइल, कयर मैट और हस्तशिल्प, उद्यान सामग्री, पिथ ब्लॉक, सिला हुआ ऊनी कपड़ा, पिथ खाद (खाद मज्जा) आदि के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर कयर बोर्ड के अध्यक्ष डी. कुप्पुरमु और केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना भी उपस्थित थे।
भारत सरकार द्वारा देश में कयर उद्योग के समग्र सतत विकास के लिए कयर उद्योग अधिनियम, 1953 के तहत कयर बोर्ड की स्थापना की गई थी। अधिनियम के तहत निर्धारित बोर्ड के कार्यों में वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक अनुसंधान, आधुनिकीकरण, गुणवत्ता सुधार, मानव संसाधन विकास, बाजार संवर्धन और इस उद्योग में लगे सभी लोगों के कल्याण, सहायता और प्रोत्साहित करना शामिल है।