देहरादून: भारत और विदेशों में छात्रों का प्रवेश संभव करने वाले उच्च शिक्षा के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म कॉलेजदेखो ने देहरादून में आयोजित अपने मीडिया से बातचीत के दौरान कॉलेजदेखो के सीईओ और सह-संस्थापक रुचिर अरोड़ा की अध्यक्षता में भारत की उच्च शिक्षा के इर्द-गिर्द चल रहे रुझान साझा किए तथा उत्तराखंड में प्रवेश पाने से जुड़ी कुछ अंतर्दृष्टियों के बारे में चर्चा की। रुचिर ने खुलासा किया कि कॉलेजदेखो ने अपने प्लेटफॉर्म पर उत्तराखंड के लगभग 300 कॉलेजों की जानकारी सूचीबद्ध की है। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2015 से कॉलेजदेखो ने उत्तराखंड के एक लाख छात्रों को अपनी कौन्सिलिंग सेवा देकर सजग व सचेत करियर चुनने में उनकी मदद की है।
उच्च शिक्षा पर अखिलभारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, जो वर्ष 2019- 2020 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर 7.85% के मुकाबले उत्तराखंड में निजी और सरकारी कॉलेजों के प्रवेश में 10.90% की वृद्धि दर्शाती है, कॉलेजदेखो के सीईओ और सह-संस्थापक रुचिर अरोड़ा ने कहा, “उत्तराखंड के अंदर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं मौजूद हैं। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अपनी प्रवेश प्रक्रियाएं डिजिटाइज और सरल करने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय छात्रों को अपने आस-पास ही सही अवसर मिल सकें और अन्य राज्यों के ज्यादा से ज्यादा छात्र आकर्षित करने में आसानी हो। इसके परिणामस्वरूप उत्तराखंड के टैलेंट पूल और राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी।”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए रुचिर ने कहा, “हम भारत का सबसे बड़ा उच्च शिक्षा प्रवेश मंच हैं और अपनी तरक्की के साथ-साथ हम उन जगहों में भी प्रवेश कर रहे हैं, जहां हमारी नजर में छात्रों और कॉलेजों को और ज्यादा सपोर्ट करने की जरूरत है। यह हमारे वर्तमान व्यावसायिक कार्यक्षेत्रों में परिलक्षित होता है, जो न केवल निर्बाध प्रवेश को सक्षम बनाते हैं, बल्कि कौशल और नौकरियों के मामले में भी बेहतरीन परिणाम देते हैं। मैं कॉलेजदेखो और शिक्षा के क्षेत्र में हमारे द्वारा पैदा किए जा रहे रोमांचक अवसरों के बारे में बात करने के लिए आज देहरादून में उपस्थित होकर उत्साहित हूं।”
कॉलेजदेखो ने एक समूचे इकोसिस्टम का निर्माण किया है, जहां छात्रों का एन्क्वायरी से लेकर प्रवेश और वित्तपोषण तथा नौकरी के लिए तैयार होने तक की उनकी संपूर्ण उच्च शिक्षा यात्रा के दौरान हाथ थामा जाता है और उनका मार्गदर्शन किया जाता है। कंपनी के पास 35,000 से अधिक सूचीबद्ध कॉलेजों का सबसे बड़ा डेटाबेस तथा 1500 से अधिक सहयोगी कॉलेजों का एक जखीरा मौजूद है। इसके प्लेटफॉर्मों पर भारत में कॉलेज से संबंधित लगभग 50% खोज की जाती हैं, जिससे यहां खोज करने वाले छात्रों की संख्या 25 करोड़ सालाना से ज्यादा हो जाती है। कॉलेजदेखो ने अपनी स्थापना के बाद से कई विषयों, कॉलेजों और देशों में लगभग 70,000 प्रवेश सुनिश्चित करते हुए पूरे भारत में 42 लाख से ज्यादा छात्रों को सफलतापूर्वक परामर्श दिया है। छात्रों को इंटर्नशिप और नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए लगभग 100 कॉरपोरेट्स के साथ सहभागिता करके इस साल के अंत तक करीब 5000 प्लेसमेंट हासिल करना कॉलेजदेखो का लक्ष्य है।
इनबाउंड माइग्रेशन के संदर्भ में कॉलेजदेखो ने अपने प्लेटफोर्म पर गौर किया है कि बिहार, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, नॉर्थ ईस्ट और महाराष्ट्र के छात्रों के लिए इंजीनियरिंग, प्रबंधन, आईटी, कृषि, विज्ञान, कानून, फार्मेसी, वाणिज्य एवं बैंकिंग, कला एवं मानविकी, होटल प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने का एक पसंदीदा विकल्प बनकर उत्तराखंड उभरा है। यह राज्य के लघु उद्योगों में रोजगार के कई अवसर उपलब्ध होने के कारण हो सकता है।
आउटबाउंड माइग्रेशन की बात करें, तो दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्य उत्तराखंड से निकटता के कारण स्थानीय लोगों के बीच उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने का पसंदीदा विकल्प हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्तराखंड के छात्रों के बीच वित्त एवं वाणिज्य तथा बैंकिंग पाठ्यक्रमों के लिए महाराष्ट्र एक पसंदीदा अध्ययन गंतव्य के रूप में उभरा है, क्योंकि महाराष्ट्र द्वारा प्रदान किए जाने वाले अवसर विशाल हैं। इंजीनियरिंग, प्रबंधन, आईटी, विज्ञान, वाणिज्य एवं बैंकिंग, कृषि, कला एवं मानविकी, फार्मेसी और कानून जैसे पाठ्यक्रम उत्तराखंड से बाहर जाने वाले छात्रों के बीच लोकप्रिय हैं।