18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वाणिज्‍य मंत्री ने कृषि निर्यात नीति के बारे में एफपीओ के साथ बातचीत की

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने नई दिल्‍ली में देश के 79 जिलों में वीडियो लिंक के जरिए कृषि पैदावार संगठनों (एफपीओ) के साथ बातचीत की। बातचीत में पूर्वोत्‍तर के 12 स्‍थानों के प्रतिनिधि शामिल थे।

वाणिज्‍य मंत्री ने एफपीओ के साथ उन उपायों के बारे में बातचीत की, जिन्‍हें उनके द्वारा राज्‍यों के विशेष क्षेत्रों के उत्‍पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लागू किया जा सकता है। कृषि निर्यात नीति को लागू करने के लिए देश भर में 40 क्‍लस्‍टर बनाए गए हैं और नाबार्ड, एपीईडीए, एमपीईडीए और किसानों के संगठनों का वृक्षारोपण बोर्डों को हर प्रकार की सहायता दी जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को पर्याप्‍त बाजार मूल्‍य मिल रहा है और वे अपने उत्‍पाद का निर्यात करने में सक्षम हैं।

वाणिज्‍य मंत्री ने सुझाव दिया कि एफपीओ को महासंघ बनाने चाहिए, जो जिलों में विकास का इंजन बन सकें। श्री प्रभु ने बताया कि वे सभी एफपीओ को लिख रहे हैं कि वे आगे बढ़ें और यह सुनिश्चित करें कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने की कृषि निर्यात नीति के उद्देश्‍यों को लागू किया जा सके।

एफपीओ के साथ बातचीत करते हुए श्री प्रभु ने महाराष्‍ट्र में नासिक, केरल में इड्डुकी, ओडिशा में रायगढ़ा,गुजरात में दाहोद, आंध्र प्रदेश में वियजवाड़ा, सिक्किम में गंगटोक जैसे इलाकों  और हिमाचल प्रदेश के एफपीओ में किसानों के सामने उत्‍पन्‍न समस्‍याओं को सुना। इनमें से अधिकतर मूल्‍य श्रृंखला और बाजार तक नहीं पहुंच पाने की समस्‍या का सामना कर रहे हैं। वाणिज्‍य मंत्री ने सभी एफपीओ को आश्‍वासन दिया कि वे उन सभी की समस्‍याओं पर गौर करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि इन्‍हें जल्‍द से जल्‍द हल किया जाए।

कृषि निर्यात नीति को एक स्‍थायी व्‍यापार नीति व्‍यवस्‍था के जरिए किसानों को निर्यात अवसरों का लाभ प्रदान कर उनकी आमदनी दोगुनी करने के विजन से जोड़ा गया है। इस नीति का मुख्‍य उद्देश्‍य कृषि निर्यात को 2022 तक 60 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है।

कृषि निर्यात को बढ़ावा दने के लिए अनेक पहल की गई हैं जिनमें खाद्य तेलों और दालों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाना और अनेक कृषि उत्‍पादों पर एमईआईएस का प्रावधान शामिल है।

चीनी पर निर्यात शुल्‍क हटा दिया गया है और एक उच्‍चस्‍तरीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी मौसम के दौरान कच्‍ची और शोधित चीनी की निर्यात संभावना का पता लगाने के लिए इंडोनेशिया, मलेशिया, चीन और बांग्‍लादेश का दौरा किया है। चीन को कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैा। चीन के पीआर के सामान्‍य सीमा शुल्‍क प्रशासन (जीएसीसी) ने चीन को रेपसीड से बने पदार्थों के निर्यात के लिए पांच संयंत्र पंजीकृत किए हैं। जीएसीसी का दल सोयाबीन से बनने वाले पदार्थों के संयंत्रों का निरीक्षण करने के लिए भारत की यात्रा कर रहा है। भारत ने जून 2018 में बासमती और गैर बासमती चावल के निर्यात के लिए चीन के साथ एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए। जीएसीसी ने चीन को चावल का निर्यात करने के लिए 24 भारतीय चावल मिलों को मंजूरी दे दी है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More