नई दिल्ली: सरकार ने पूर्व स्कूल शिक्षा सचिव श्री अनिल स्वरूप की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है, जिसमें युवा मामले तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनसीसी को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है, जो राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को मजबूत करने के उपायों के बारे में सुझाव देगा।
समिति, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, विस्तारित करने, संसाधनों को तर्कसंगत बनाना और एनएसएस तथा एनसीसी को प्रभावित करने वाले श्रमबल की कम संख्या जैसे मुद्दों पर कार्य करेगी। समिति एनएसएस तथा एनसीसी के बीच तालमेल बनाने की सिफारिश भी प्रस्तुत करेगी और युवाओं को सशक्त बनाने के सुझाव भी प्रस्तुत करेगी।
वर्तमान में एनसीसी के पास देश भर के 716 जिलों में से लगभग 703 में 12 से 26 साल की आयु वर्ग वाले 13.5 लाख कैडेट हैं। देश भर में बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थान हैं। जिनमें 8600 की प्रतीक्षा सूची शामिल है और यहां अभी तक एनसीसी का विस्तार नहीं किया गया है। देश में सभी वर्गों में एनसीसी श्रमबल की 5 प्रतिशत से लेकर 36 प्रतिशत तक की कमी है।
एनसीसी का सालान आवंटित बजट लगभग 2200 करोड़ रुपये का है जिसमें से केंद्र सरकार लगभग 1600 करोड़ रुपये की मदद करती है। इतने कम संसाधनों के साथ एनसीसी देश के सभी जिलों में खुद को विस्तारित करने में सक्षम नहीं है और प्रतीक्षा सूची वाले शैक्षिक संस्थानों की जरूरतों को भी पूरा करना है।
हाल ही में एनसीसी और एनएसएस में सुधार लाने के लिए पीएमओ में एक बैठक आयोजित की गई इस बैठक में युवा मामलों के मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के माध्यम से एनसीसी ने भाग लिया था। बैठक में मुख्य रूप से एनसीसी और एनएसएस को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की गई और इस बात पर भी चर्चा की गई कि इन संस्धानों के माध्यम से कैसे युवाओं के सशक्त बनाया जा सकता है। एनएसएस देश की सेवा में, विशेष रूप से स्वच्छ भारत मिशन जैसे सरकारी कार्यक्रम में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रहा है।