नई दिल्ली: 19-25 नवम्बर, 2015 से मनाये जा रहे साम्प्रदायिक सौहार्द अभियान के हिस्से के रूप में विभिन्न राज्यों के हिंसा प्रभावित बच्चें आज नई दिल्ली पहुंचे। बच्चों की छह दिन की राष्ट्रीय राजधानी यात्रा का आयोजन साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए राष्ट्रीय फाउंडेशन (एनएफसीएच) ने किया है। ये बच्चे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, केन्द्रीय गृह मंत्री और केन्द्रीय गृह सचिव को 25 नवम्बर, 2016 को मनाये जाने वाले झंडा दिवस पर साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक ध्वज लगायेंगे।
बच्चे साम्प्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाले अनुभवों को साझा कर रहे हैं। उन्हें उनके अभिभावकों तथा देखरेख दल द्वारा राजघाट, जामा मस्जिद, लाल किला, कुतुबमीनार, लोट्स टैंपल, राष्ट्रपति भवन और इंडियागेट जैसे ऐतिहासिक स्थलों को दिखाया गया।
ये बच्चे असम, गुजरात तथा जम्मू और कश्मीर से आये हैं और उनकी देखभाल और शिक्षा के लिए एनएफसीएच की परियोजना ‘सहायता’ है। 14 से 22 वर्ष की उम्र के इन बच्चों में बराबर संख्या में लड़के और लड़कियां हैं। ये बच्चे नौवीं कक्षा से लेकर बीसीए और बी.टैक के विद्यार्थी हैं।
एनएफसीएच प्रत्येक वर्ष 19 से 25 नवम्बर तक कौमी एकता सप्ताह और धन संग्रह सप्ताह मनाता है।
कौमी एकता सप्ताह मनाने से हमारे देश के धर्म निरपेक्ष ताने-बाने की अंतर्निहित शक्ति को दिखाने में मदद मिलती है और व्यापक दृष्टि से साम्प्रदायिक सौहार्द की भावना विकसित होती है। कौमी एकता सप्ताह सहिष्णुता, सह-अस्तित्व और भाईचारा के मूल्यों के प्रति वर्षों पुरानी परम्पराओं और मान्यताओं की पुष्टि करने का अवसर प्रदान करता है।