देहरादून: पेंशन कमजोर व निर्धन का अधिकार बननी चाहिये। गरीबों को राशन, जमीन, स्वास्थ्य व शिक्षा अधिकार पत्र के रूप में मिलनी चाहिये। हम देश में पहले राज्य है जो एपीएल वर्ग को भी खाद्य सुरक्षा योजना के अन्र्तगत लाभ दे रहे है। राज्य सरकार जन आवास योजना के अन्र्तगत 35000 आवास गरीबों को उपलब्ध करवाएगी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को एमडीडीए निर्मित डालनवाला आवासीय योजना के अन्र्तगत एमडीडीए कालोनी डालनवाला में सामुदायिक भवन व पार्क का लोकापर्ण किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सामुदायिक भवन व पार्क के लिए सभी क्षेत्रवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा की मलिन बस्तियों के विकास के लिए 400 करोड़ रूपये का एक कोष बनाया जायेगा। गरीबों को उनकी जमीन के अधिकार पटटे अक्टूबर तक प्रदान कर दिये जायेगे। उन्होंने महिलाओं से अपील की वे स्वयं सहायता समूह बनाकर व्यवसायिक कार्य करे या उत्पादन करे उनके द्वारा निर्मित उत्पादों को सरकार द्वारा खरीदा जायेगा। शिक्षा विभाग अपना सारा सामान स्वयं सहायता समूहों से खरीदेगा।
मुख्यंमत्री श्री रावत ने उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम मातृ शक्ति का सम्मान करते है। आज राज्य सरकार जन्म से वृ़द्धावस्था तक प्रत्येक स्तर पर उनके साथ है। राज्य सरकार कन्या जन्म पर निर्धन परिवारों को 5000 रूपये प्रदान करती है। बालिकाओं की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए गौरादेवी योजना संचालित है। लड़कियों के विवाह के अवसर पर नन्दा देवी योजना के अन्र्तगत निर्धन वर्ग की लड़कियों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। गर्भावस्था में उनकों पौष्टिक अनाज व अन्य सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है इनमें आंगनबाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा पेंशन उपलब्ध करवायी जा रही है। वृद्ध महिलाओं को रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी गयी है साथ ही मेरे बुर्जुग मेरे तीर्थ योजना के अन्र्तगत उन्हें चारधाम यात्रा निःशुल्क करवायी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कमजोर बच्चों को आंगनबाडी के माध्यम से पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अनुरोध किया कि कमजोर बच्चों को आंगनबाड़ी में ले जाया जाय। निर्धन विधवा महिलाओं को गंगा गाय योजना के अन्र्तगत गाय प्रदान की जा रही है। इन्दिरा अम्मा भोजनालय योजना महिलाओं के लिए संचालित की गयी है। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा स्थानीय उत्पादों को बेचने के प्रयासो को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों व महिला मंगल दलों से प्राप्त स्थानीय उत्पादों की बिक्री से जितनी भी आय प्राप्त करेगी उसका 5 प्रतिशत बोनस महिला मंगल दलो व स्वयं सहायता समूहों को दिया जायेगा। 5000 रूपये की आरम्भिक राशि से महिला मंगल दलों के खाते खोले जायेगे। व्यवसायिक गतिविधियाॅं आरम्भ करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 20 से 25 हजार तक का अनुदान प्रदान किया जायेगा। आर्थिक स्वालम्बन ही महिला सशक्तीकरण की कुंजी है। राज्य सरकार विश्वास करती है कि अब नारी शक्ति ही उत्तराखण्ड के विकास के द्वार खोलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सराकर राज्य में महिला सशक्तिकरण पर विशेष बल दे रही है। राज्य में महिला उद्यमिता के विकास, महिला मंगल दला तथा स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस वर्ष पुलिस में महिला काॅस्टेबल की 1000 तथा सब इंसपेक्टर की 200 भर्तियाॅं कि गयी। होमगार्ड व पीआरडी में 30 प्रतिशत महिलाऐ भर्ती की जायेगी। राज्य सरकार 2017 से पहले सरकार के चार विभागों में सिर्फ महिलाओं की भर्ती सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की सामाजिक पेंशन समाज के प्रत्येक कमजोर वर्ग को प्रदान की जा रही है। दो साल पहले तक राज्य में सामाजिक पेंशनो को प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या 1.84 लाख थी जो अब 7 लाख से ऊपर हो गयी है। राज्य सरकार का लक्ष्य इन पेशंन लाभार्थियों की संख्या 10 लाख तक करने का है। पहले मात्र 1000 रूपये की आमदनी वाला व्यक्ति पेंशन का पात्र था लेकिन राज्य सरकार ने आय सीमा को बढ़ाकर अब 4000 रूपये कर दिया है। देश में अन्य कोई ऐसा राज्य नही है जो अपनी जनता को इतनी प्रकार की पेंशन प्रदान करता हो। विकलांग, बौने, जागरी, मौलवी, विक्षिप्त व्यक्ति की पत्नी, जन्म के समय विकलांग होने वाले बच्चे, विधवा, परित्यकता आदि विभिन्न प्रकार की पेंशन राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। वास्तव में राज्य सरकार इन पेंशनों के माध्यम से राज्य के कमजोर व असहाय जनता में एक सुरक्षा की भावना उत्पन्न करता चाहती है ताकि वह किसी भी परिस्थिती में स्वयं को अकेला अनुभव न करे। जनता को यह विश्वास रहे कि राज्य सरकार उनके साथ एक मददगार की तरह उनके साथ है।
उत्तराखण्ड पूरे देश में दूसरा एकमात्र राज्य बन गया है जिसकी 90 प्रतिशत जनसंख्या अन्न सुरक्षा पा रही है। उत्तराखण्ड के समाज का कोई भी कमजोर हिस्सा ऐसा नही है जिसे राज्य सरकार द्वारा पेंशन के रूप में कोई आर्थिक सहायता नही दी जा रही हो
मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य सरकार इस वर्ष युवाओं को 30000 नौकरियाॅ देने जा रही है जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। राज्य सरकार द्वारा एक अभियान चलाकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अन्र्तगत बैकलाॅग रिक्तियों को भरा जायेगा।
उन्होने आशा कार्यकत्रियों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड को एक अभियान चलाकर बनवाने की अपील की।
इस अवसर पर विधायक व संसदीय सचिव राजकुमार, उपाध्यक्ष एमडीडीए आर मीनाक्षी सुन्दरम उपस्थित थे।