केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उप राज्यपाल श्री राधा कृष्ण माथुर और केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति एवं उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज लेह में विशाल पर्यटन कार्यक्रम “लद्दाख : नई शुरुआत, नए लक्ष्य” को संबोधित किया। श्री जी. किशन रेड्डी ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम के दौरान “लद्दाख के लिए एक टूरिज्म विजन” दस्तावेज का अनावरण किया गया, जिसमें लद्दाख क्षेत्र के समग्र विकास पर जोर दिया गया है। दस्तावेज टिकाऊ पारिस्थितिकी प्रक्रियाओं, स्थानीय सामग्री और मान संसाधनों पर निर्माण की पृष्ठभूमि में पर्यटन को प्रोत्साहन देने की कल्पना करता है। कार्यक्रम में लद्दाख के संसद सदस्य श्री जामयांग सेरिंग नामग्याल, यूटी लद्दाख के पर्यटन एवं संस्कृति सचिव श्री के. महबूब अली खान, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव श्री अरविंद सिंह और अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए।
पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार केन्द्र शासित क्षेत्र लद्दाख प्रशासन और एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एटीओएआई) के साथ मिलकर 25-28 अगस्त, 2021 तक ‘लद्दाख: नई शुरुआत, नए लक्ष्य’ शीर्षक वाले इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एडवेंचर, संस्कृति और जिम्मेदार पर्यटन के पहलुओं पर जोर के साथ एक पर्यटन स्थल के रूप में लद्दाख में पर्यटन को प्रोत्साहन देना है। इस आयोजन का उद्देश्य उद्योग से जुड़े हितधारकों को स्वदेशी उत्पादों के बारे में जानकारी और देश के बाकी हिस्सों के टूर ऑपरेटर्स/खरीदारों के साथ संवाद के लिए स्थानीय हितधारकों को एक मंच उपलब्ध कराना है।
लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्र के उप राज्यपाल श्री राधा कृष्ण माथुर ने ऐसे नए पर्यटन उत्पादों के बारे में बात की, जिनकी लद्दाख द्वारा शीतकालीन पर्यटन, विज्ञान आधारित पर्यटन आदि के रूप में यात्रियों को पेशकश की जा सकती है। श्री माथुर ने कहा कि लद्दाख में यात्रियों के लिए सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन की पेशकश करने की काफी संभावनाएं हैं। श्री माथुर ने लद्दाख के लिए कार्बन न्यूट्रल पथ का भी उल्लेख किया, जिसका पालन किया जा रहा है। उन्होंने यह बताते हुए खुशी जाहिर की कि यूनेस्को ने बुद्धिस्ट चैंटिंग को लद्दाख की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में पहचान की है। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए पर्यटन मंत्रालय की सराहना की।
केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति एवं उत्तर पूर्व क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने वर्चुअल माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि पिछले 40 साल के दौरान लद्दाख में पर्यटन में काफी बढ़ोतरी हुई है। लद्दाख ‘ऊंचे दर्रों की भूमि’ है, जहां हर पर्यटक के लिए प्राकृतिक सौंदर्य के आनंद से लेकर ट्रेकर्स, बाइकर्स, साइक्लिस्ट, क्लाइंबर्स आदि के लिए एडवेंचर के अवसरों तक काफी कुछ है। साथ ही, हेमीज, अल्की, थिकसे की मोनेस्ट्रियां लद्दाख को एक सांस्कृतिक और विरासत का केंद्र बनाती हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने लद्दाख के पर्यटन की व्यापक संभावनाओं के दोहन के लिए ‘लद्दाख: नई शुरुआत, नए लक्ष्य’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया है और यह एक ऐसा मंच है जो देश के दूसरे हिस्सों के टूर ऑपरेटर्स व ग्राहकों को लद्दाख के स्थानीय हितधारकों के साथ संवाद के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है। श्री रेड्डी ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने ‘लद्दाख विजन दस्तावेज’ भी तैयार किया है, जहां लद्दाख में पर्यटन विकास से संबंधित सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। केन्द्र सरकार ने टूरिस्ट वाटर स्क्रीन प्रोजेक्शन मल्टीमीडिया शो और पर्यटकों के आकर्षण के अन्य स्थलों के लिए 23.21 करोड़ रुपये का योगदान भी किया तथा प्रसाद योजना के अंतर्गत चौकीहैंग विहारा प्रोजेक्ट भी विकसित किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लद्दाख जैसे स्थानों में पर्यटन के लिए सामुदायिक भागीदारी का विकास काफी अहम है। श्री रेड्डी ने समग्र पर्यटन विकास के साथ ही व्यावसायिक रूप से कुशल कार्यबल तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में पर्यटन सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले क्षेत्रों में से एक है। प्रधानमंत्री ने पर्यटन को सेवा क्षेत्र में 12 चैम्पियन सेक्टरों में से एक माना है।
लद्दाख के सांसद श्री जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा, मुझे विश्वास है कि इस कार्यक्रम सेन सिर्फ लद्दाख के पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि यूटी की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इस कार्यक्रम में हमें एक विजन मिलेगा कि हम यूटी में कैसे एक टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन विकसित कर सकते हैं। श्री नामग्याल ने पर्यटन के लिए एक वर्ष भर के गंतव्य के रूप में लद्दाख को प्रोत्साहन देने का अपना विजन साझा किया और साथ ही लद्दाख में शीतकालीन पर्यटन व शीतकालीन खेलों की संभावनाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने एक महीने की अवधि के लिए जान्सकर शीतकालीन पर्यटन महोत्सव और शीतकालीन खेल महोत्सव के आयोजन पर जोर दिया, साथ ही कारगिल में पर्यटन को प्रोत्साहन देने का भी अनुरोध किया।
पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव श्री अरविंद सिंह ने कहा कि लद्दाख साहसिक खेलों के लिए एक स्वर्ग है। इसके दुर्गम इलाके और बहती नदियां ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, कैम्पिंग, पर्वतारोहण और बाइकिंग जैसी गतिविधियों के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराते हैं। लद्दाख क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में पर्यटन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। श्री अरविंद ने कहा कि कोविड 19 महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है। हालांकि, सुधार के संकेत दिखने लगे हैं और लद्दाख इस सुधार में आगे रहने वालों में से एक है, साथ ही सबसे ज्यादा पसंदीदा स्थलों में से एक बना हुआ है। श्री अरविंद ने कहा कि पर्यटन की शुरुआत के साथ ही, मंत्रालय ने कोविड 19 सुरक्षा एवं स्वच्छता दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम फॉर असेसमेंट, अवेयरनेस एंड ट्रेनिंग इन हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री (साथी) को लागू कर दिया है। अभी तक 10,000 से ज्यादा आवासीय इकाइयों ने साथी के अंतर्गत पंजीकरण करा लिया है। पर्यटन मंत्रालय विभिन्न अभियानों और देखो अपना देश जैसी पहलों के माध्यम से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लद्दाख को प्रोत्साहन देता है, जहां लद्दाख पर समर्पित वेबिनार कराई गई थीं।
यूटी लद्दाख में पर्यटन एवं संस्कृति सचिव श्री के महबूब अली खान ने “लद्दाख के लिए एक टूरिज्म विजन” दस्तावेज तैयार करने के लिए पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि इस दस्तावेज से यूटी के लिए पर्यटन नीति को अंतिम रूप देने में सहायता मिलेगी। श्री महबूब अली खान ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक, लद्दाख का 50 प्रतिशत जीडीपी पर्यटन क्षेत्र पर निर्भर करता है, जो उसके अपने विशेष स्वभाव को निर्धारित करता है। हम पर्यटन नीति के लिए विशेषज्ञ सलाहकार नियुक्त करें और बहुत जल्द लद्दाख की अपनी एक पर्यटन नीति होगी।
यूटी लद्दाख के उप राज्यपाल के सलाहकार श्री उमंग नरुला ने विजन दस्तावेज तैयार करने के लिए पर्यटन मंत्रालय का आभार प्रकट किया। यह विजन दस्तावेज यूटी के लिए पर्यटन नीति को अंतिम रूप देने के लिए एक अच्छा आधार उपलब्ध कराएगा। लद्दाख की एक अपनी पर्यटन नीति होना काफी अहम है। श्री नरुला ने विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से समर्थन उपलब्ध कराने के लिए भी पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हम एक होमस्टे नीति लेकर आए हैं और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शीतकालीन सम्मेलन का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि ज्यादा जिम्मेदार पर्यटन के प्रोत्साहन देने के लिए स्व नियमन की जरूरत होती है।
विजन दस्तावेज का उद्देश्य लद्दाख को एक ऊंचे मूल्य, कम प्रभाव वाले पर्यटन स्थल के रूप में प्रोत्साहन देना है, जो स्थानीय समुदाय के लिए स्थायी और समावेशी विकास को बढ़ावा देता हो। विजन पर्यटन उद्योग के हितधारकों के साथ ही स्थानीय आबादी की आर्थिक और सामाजिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनकी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसका लक्ष्य सुविधा और अनुभव में सुधार के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को समेकित करते हुए, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्थलों की तुलना में लद्दाख में बेहतर पर्यटन अनुभव तैयार करना है। दस्तावेज में दिए गए सुझाव विनियमित और निगरानीपूर्ण पर्यटन के माध्यम से स्थानीय पारिस्थितिकी और आबादी में पर्यटन के कम से कम नकारात्मक प्रभावों का आश्वासन देते हैं। दस्तावेज का उद्देश्य लद्दाख में पर्यटन को प्रोत्साहन के माध्यम से, स्थानीय लोगों को रोजगार देना और भारत व बाकी दुनिया के पर्यटकों के बीच लद्दाख की संस्कृति और उत्पादों को बढ़ावा देना है।
उद्घाटन सत्र के बाद, पैनल चर्चाओं में विकास, संपर्क, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टिकाऊ और समुदाय आधारित विकास, लेह में एडवेंचर टूरिज्म के अवसरों व चुनौतियों और कम चर्चित क्षेत्रों में होमस्टे पर्यटन की संभावनाओं के लिए नए क्षेत्रों पर जोर के साथ लद्दाख में पर्यटन के समग्र विकास और स्थानीय समुदाय व महिलाओं के सशक्तिकरण में इनकी भूमिका जैसे विभिन्न विषयों को शामिल किया गया।
भारत में पर्यटन क्षेत्र के समग्र विकास में घरेलू पर्यटन एक अहम भूमिका निभाता है। पर्यटन मंत्रालय घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन गतिविधियां कराता है और इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य पर्यटन स्थों और उत्पादों के बारे में जागरूकता का प्रसार, पूर्वोत्तर, केन्द्र शासित क्षेत्र लद्दाख और केन्द्र शासित क्षेत्र जम्मू व कश्मीर जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर जोर के साथ घरेलू पर्यटन को प्रोत्साहन देना है।
कोविड 19 महामारी ने अप्रत्याशित रूप से पूरी दुनिया को प्रभावित किया है और एक ठहराव सा ला दिया है। हालांकि, सुधार के संकेत दिखने लगे हैं और देश भर में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है, साथ ही घरेलू पर्यटन खंड में एयरलाइन, ट्रेनों और राजमार्गों जैसे यातायात के सभी साधनों में यात्रियों की आवाजाही में नियमित रूप से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मंत्रालय ने आक्रामक रूप से उद्योग के हितधारकों की भागीदारी के साथ पर्यटन को बढ़ावा देना शूरू कर दिया है। पर्यटन मंत्रालय विभिन्न अभियानों और देखो अपना देश जैसी पहलों के माध्यम से घरेलू के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लद्दाख को प्रोत्साहन देता है, जिनके तहत लद्दाख पर केंद्रित एक वेबिनार कराई गई थी। अतुल्य भारत वेबसाइट, मंत्रालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फ्लायर्स की प्रिंटिंग आदि के माध्यम से भी लद्दाख का प्रचार किया गया है।
कार्यक्रम में लगभग 150 प्रतिभागी शामिल हुए, जिनमें ओपीनियन मेकर, टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी, राजनयिक, होमस्टे मालिक, भारत सरकार, लद्दाख केंद्र शासित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और मीडिया से जुड़े लोग शामिल थे। तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रदर्शनी, पैनल चर्चा, बी2बी बैठक, टेक्निकल टूर, सांस्कृतिक संध्या से लेकर लद्दाख की पर्यटन सुविधाओं व पर्यटन उत्पादों का प्रदर्शन शामिल है।