लखनऊ: प्राविधिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित राजकीय/अनुदानित पालीटेक्निक संस्थाओं में उपलब्ध स्थानों के सापेक्ष प्रवेशित बालिकाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम होने के कारण तकनीकी शिक्षा के प्रति बालिकाओं को आकर्षित किये जाने की दृष्टि से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा ‘‘सक्षम बालिका-सम्पन्न परिवार योजना’’ को लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री शिवाकान्त ओझा ने बताया कि वर्तमान में 18 राजकीय/अनुदानित महिला पालीटेक्निक संस्थाएं संचालित की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त अन्य राजकीय पालीटेक्निकों में बालिकाओं हेतु प्रवेश में 20 प्रतिशत स्थान आरक्षित हैं। गत वर्षों में पाया गया है कि राजकीय एवं अनुदानित पालीटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश हेतु बालिकाओं के लिए आरक्षित स्थान बड़ी संख्या में रिक्त रह जाते हैं। संस्थाओं में बालिकाओं हेतु उपलब्ध स्थान के सापेक्ष प्रवेशित बालिकाओं की संख्या लगभग आधी ही रहती है और आधे स्थान रिक्त रहते हैं एवं कुल प्रवेश क्षमता के सापेक्ष लगभग 16.5 प्रतिशत स्थानों पर बालिकाएं प्रवेश लेती हैं।
प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग ने कहा कि मेधावी छात्राओं के लिए वित्तीय प्रोत्साहन योजना चलाई जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न राजकीय एवं अनुदानित पालीटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को उनकी वार्षिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर नकद धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जायेगी। प्रत्येक राजकीय एवं अनुदानित पालीटेक्निक संस्था के प्रत्येक पाठ्यक्रम में वार्षिक परीक्षा में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली हर बालिका को प्रोत्साहन स्वरूप 10,000 रुपया की धनराशि प्रदान की जायेगी।
श्रीमती गर्ग ने बताया कि प्रथम वर्ष में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को अध्ययन के द्वितीय वर्ष में, प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को अध्ययन के तृतीय वर्ष में उक्त धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जायेगी। उन्होने कहा कि योजनान्तर्गत राजकीय एवं अनुदानित महिला पालीटेक्निकों में छात्राओं के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को भी लागू किया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग, द्वारा वर्ष 2013-14 से जन्म से 19 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों के स्वास्थ्य संरक्षण हेतु राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
श्रीमती गर्ग ने इस संबंध में बताया कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों में 4 डी0एस. बर्थ डिफेक्टस, डेफिसिएन्सीए डिसीज के दृष्टिगत स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार एवं संदर्भन सुनिश्चित किया जाना है। विभिन्न पालीटेक्निक संस्थाओं में अध्ययनरत अधिकतर छात्र-छात्राएं कक्षा-10 उत्तीर्ण किये जाने के उपरान्त प्रवेश लेते हैं और प्रवेश के समय उनकी आयु 15 से 17 वर्ष के बीच होती है। अतः स्वास्थ्य विभाग की इस योजना को सभी राजकीय एवं अनुदानित पालीटेक्निक संस्थाओं में लागू किया जायेगा। इस हेतु प्रत्येक पालीटेक्निक संस्था स्तर पर एक वरिष्ठ शिक्षक को इस योजना का नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा, जो जिला स्वास्थ्य अधिकारियों से सम्पर्क कर योजना को पालीटेक्निक संस्थाओं में लागू किये जाने हेतु उत्तरदायी होगा।