नई दिल्ली: राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के युवा मामलों एवं खेल मंत्रियों और सचिवों का सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया किया गया। केन्द्रीय युवा एवं खेल मामलों के मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री किरेन रिजिजू ने देश के लोगों को स्वस्थ बनाने तथा देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र और राज्यों से संयुक्त प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा युवाओं का है। हमें इस शक्ति को देश के विकास में लगाने का काम करना है। उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों से अपनी गतिविधियों को केन्द्र सरकार के कार्यक्रमों के साथ जोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को इस मामले में एक टीम की तरह काम करना चाहिए। श्री रिजिजू ने कहा कि इस काम के लिए उनके मंत्रालय के पास प्रचुर मात्रा में मानव संसाधन उपलब्ध हैं, जो वित्तीय संसाधनों की कमी को पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी ताकत को पहचानना चाहिए। केन्द्र द्वारा शुरू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों में 80 लाख से ज्यादा वालंटियर काम कर रहे हैं। इस साल 2 अक्तूबर को 24 लाख से ज्यादा वालंटियरों ने प्लॉगिंग कार्यक्रम में भाग लिया, किसी एक कार्यक्रम में लोगों की भागीदारी का बड़ा रिकार्ड है।
फिट इंडिया मूवमेंट का जिक्र करते हुए श्री रिजीजू ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 29 अगस्त, 2019 को शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य शारीरिक व्यायाम और स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियों को लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना है। उन्होंने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट में सभी लोगों को शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट में सभी भारतीयों को शामिल किया जाएगा, जिसमें शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, स्वस्थ जीवन शैली, स्वस्थ खान-पान और संतुलित आहार, रोकथाम, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण के अनुकूल स्वस्थ जीवन से जुड़े सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे एक जन-आंदोलन का रूप दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही सभी केंद्रीय मंत्रालयों को फिट इंडिया को अपने कार्यक्रमों का हिस्सा बनाने का निर्देश दे चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि फिट इंडिया जीवन जीने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले कुछ मापदंडों के आधार पर सबसे अधिक उपयुक्त राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की पहचान करने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि बाद में सबसे अच्छे शहर, शहर, स्कूल आदि की पहचान की जाएगी और उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
खेलों इंडिया कार्यक्रम का जिक्र करते हुए श्री रिजिजू ने कहा कि इसके परिणाम दिखने लगे हैं। पिछले छह महीनों में भारतीय खिलाडि़यों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, जो इस बात का संकेत है कि भारत एक बड़ी खेल ताकत के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि 2028 के ओलम्पिक खेलों में भारत को पदक जीतने वाले शीर्ष 10 देशों में शामिल होने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने राज्यों से अपनी योजनाओं में खेलों को प्राथमिकता देने तथा खेल संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान किया। श्री रिजिजू ने कहा कि जीत हासिल करना ही काफी नहीं है बल्कि खेलों में भाग लेना बड़ी बात है। खेलों के बारे में लोगों की सोच अब बदलनी होगी। उन्होंने कहा खेलों को केवल अतिरिक्त गतिविधि के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि इसे उत्कृष्ट गतिविधि के रूप में देना चाहिए। खेलों और शारीरिक व्यायाम से जुड़े उपकरणों को वस्तु एवं सेवाकर प्रणाली में सबसे ज्यादा कर वाले वस्तुओं की श्रेणी में रखे जाने के मुद्दे पर श्री रिजिजू ने कहा कि इसके लिए राज्यों को अपने वित्त मंत्रियों से बात करनी चाहिए ताकि वे जीएसटी परिषद को इन वस्तुओं पर कर घटाने का सुझाव भेज सके।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सरकारी खेल परिसरों और सुविधा केन्द्रों का निशुल्क इस्तेमाल करने की इजाजत सबको दे दी है। इन जगहों पर खिलाडि़यों के लिए कोच और प्रशिक्षण की सुविधा सरकार की ओर से मुफ्त दी जाती है। उन्होंने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से भी खिलाडि़यों को अपने यहां ऐसी ही सुविधाएं देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आपदाओं की स्थिति में मदद पहुंचाने के लिए एनकेवाईएस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के बीच तालमेल की व्यवस्था की गई है। एनवाईकेएस के वालंटियरों को राहत और बचाव कार्यों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनवाईकेएस के वालंटियरों की तरह ही राज्यों को भी आपदा की स्थितियों में राहत और बचाव कार्यों के लिए अपने वालंटियर तैयार करने चाहिए। खेल और फिटनेस को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के मुद्दे पर श्री रिजिजू ने कहा कि उनके मंत्रालय ने इस बारे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सुझाव भेजे हैं।