नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने आज निजी रेलगाड़ी परियोजना पर आवेदन पूर्व सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में लगभग 16 संभावित आवेदकों के भाग लेने से उत्साहनजक प्रतिक्रिया मिली।
रेल मंत्रालय ने 109 मूल गंतव्य मार्गों पर जोड़ी यात्री रेल सेवाओं के संचालन के लिए 151 आधुनिक रेलगाड़ियां चलाने के लिए 12 निजी कंपनियों से योग्यता के आधार पर आवेदन आमंत्रित किए हैं। ये रेलगाड़ियां मौजूदा रेलगाड़ियों के अतिरिक्त होंगी।
यह भारतीय रेलवे नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए की गई पहल है। इस परियोजना के माध्यम से निजी क्षेत्र से लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है।
यह पहल देशवासियों के लिए परिवहन सेवाओं की उपलब्धता में सुधार लाना तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी और बेहतर सेवाओं को पेश करना है ताकि यात्रियों के लिए रेल यात्रा एक सुखद अनुभव बन सके। ट्रेन संचालन में कई ऑपरेटरों के आने से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा जिससे सेवाएं बेहतर हो सकेंगी। यह पहल यात्री परिवहन क्षेत्र में मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने में भी मदद करेगी।
प्रस्तावित परियोजना के लिए निजी कंपनियों का चयन दो चरणों वाली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा जिसमें अनुरोध के लिए अर्हता (आरएफक्यू) और अनुरोध के लिए प्रस्ताव (आरएफपी) शामिल हैं।
बोली प्रक्रिया के तहत रेल मंत्रालय ने आज 21 जुलाई, 2020 को पहला आवेदन पूर्व सम्मेलन आयोजित किया जिसमें लगभग 16 संभावित आवेदकों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में संभावित आवेदकों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा की गई और आरएफक्यू और बोली ढांचे के प्रावधानों को बेहतर तरीके से समझाने के लिए रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया । सम्मेलन में उठाए गए प्रश्न मुख्य रूप से पात्रता के लिए तय मानदंडबोली प्रक्रिया, रेक की खरीद, ट्रेनों के संचालन और समूहों की संरचना से संबंधित थे।
सम्मेलन में ढुलाई भाड़े पर भी सवाल किए गए जिसपर रेल मंत्रालय ने जवाब दिया की कि ढुलाई भाड़े को अग्रिम रूप से निर्दिष्ट किया जाएगा और पूरी रियायत अवधि के लिए उपयुक्त रूप से अनुक्रमित किया जाएगा, जिससे ढुलाई शुल्क में निश्चितता आएगी।
रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वह उन रेल मार्गों पर यात्रियों के यातायात का विवरण भी प्रदान करेगा जिसके लिए बोली लगाई जानी है। इससे परियोजना में बोली लगाने वालों को परियोजना के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी और वह उसके अनुरूप बोली लगाने का काम कर सकेंगे।
रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि परियोजना के तहत संचालित की जाने वाली गाड़ियों को निजी संस्थाओं द्वारा लीज पर खरीदा या लिया जा सकता है। रेल मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि ट्रेनों के संचालन के संबंध में पार्टियों को समान रूप से जोखिम की जिम्मेदारी भी दी जाएगी।
31 जुलाई, 2020 तक संभावित आवेदकों से प्राप्त प्रश्नों के बारे में रेल मंत्रालय लिखित उत्तर देगा। दूसरा आवेदन पूर्व सम्मेलन 12 अगस्त 2020 को निर्धारित है।