नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, एएआईसीएलएएस और भारतीय परिसंघ के सहयोग से कल (बुधवार) से नई दिल्ली में विमानन सम्मेलन 2019 का आयोजन कर रहा है, जिसकी विषय वस्तु है “सभी के लिए उड़ान”।
केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि “सभी के लिए उड़ान” की सरकार की परिकल्पना को हकीकत में बदलकर सरकार की यह प्रतिबद्धता सामने आती है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में वह क्रांति लाना चाहती है। उन्होंने दोहराया कि बड़े पैमाने पर सफल ग्लोबल विमानन शिखर सम्मेलन-2019 के दौरान 85 देशों के प्रतिनिधि और विश्व की 1300 से अधिक विमानन बिरादरी शामिल होगी। आगामी विमानन सम्मेलन में भारत में नये विमानन व्यवसाय को लाने के एजेंडा खास तौर से द्रोण प्रणालियां, भारत में विमानों के निर्माण, भारतीय और विदेशी एयरलाइनों द्वारा भारत से विमानों के लिए वित्ता पोषण और पट्टे, भारतीय हवाई अड्डों को अगली पीढ़ी के विमानन केन्द्रों में बदलने, और भारत के प्रत्येक गांव को वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़कर हवाई कारगो संभावना को खोलने के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन भारतीय विमानन क्षेत्र के भविष्य के बारे में है जो हमारी परिकल्पना-2040 को हकीकत में बदलने की तैयारी के लिए प्रमुख उद्योगपतियों, सरकार और नियामकों को एक स्थान पर लाएगा।
सम्मेलन के उद्देश्यों के बारे में टिप्पणी करते हुए नागर विमानन राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा ने कहा कि न्यायसंगत नियमों और उपयुक्त नीतियों के कारण पिछले पांच वर्षों में विमानन क्षेत्र में जबर्दस्त प्रगति देखने को मिली है। 100 से अधिक व्यावसायिक दृष्टि से जुड़े हवाई अड्डों के साथ विमानन अब भारतीयों के जीवन का केंद्र है। हम नये खण्डों को प्रोत्साहित कर और खोलकर उद्योग के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन विकास के अगले चरण में भारतीय विमानन के लिए आधार प्रदान करेगा।
30 प्रमुख उद्योगपति ‘द्रोण-इकोसिस्टडम नीति रोडमैप, भारत में क्षेत्रीय परिवहन विमान सहित विमान और उससे जु़ड़े उपकरणों के निर्माण के लिए रोडमैप, ‘भारत से विमानों के लिए वित्तीपोषण और पट्टे- परियोजना रुपया रफ्तार’, राष्ट्रीय विमान कारगो नीति और भारतीय हवाई अड्डों को अगली पीढ़ी के विमानन केन्द्रों में बदलने का मिशन तैयार करने के बारे में 5 प्रमुख सत्रों में विचार-विमर्श करेंगे। 200 से अधिक प्रतिनिधि विचार विमर्श में हिस्सा लेंगे।
भारतीय नागर विमानन उद्योग विस्तार के अभूतपूर्व युग से गुजर रहा है, जिसमें कम लागत के विमान (एलसीसी), आधुनिक हवाई अड्डे, घरेलू एयरलाइनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी हस्तक्षेप) और क्षेत्रीय संपर्क पर विशेष ध्यान देना शामिल है।