लखनऊ: प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन तय है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच सहमति बन गई है। सीटों के बंटवारे पर बातचीत भी अब अंतिम चरण में है। सूत्रों का दावा है कि गठबंधन का औपचारिक ऐलान 14 जनवरी को हो सकता है।
कांग्रेस के सूत्रों का दावा है कि सपा में आंतरिक विवादों का पटाक्षेप करने के लिए चल रही बातचीत में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से यह शर्त भी रखी जा रही है कि पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनाव में उतरेगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से अखिलेश की बातचीत हो चुकी है।
बातचीत और सीटों के बंटवारे की इस पूरी प्रक्रिया को इतना गोपनीय रखा गया कि प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं तक को इसकी भनक नहीं लग पाई। कांग्रेस की तरफ से प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद इस पूरी कवायद की धुरी रहे हैं। संभावना यह भी है कि इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल, जनता दल (यू) व राष्ट्रीय जनता दल को भी शामिल किया जाए।
अंदरखाने चल रही सपा-कांग्रेस गठबंधन की यह कवायद तब सार्वजनिक हुई थी जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक सार्वजनिक समारोह में खुले तौर पर कह दिया कि सपा यदि कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े तो 300 से ज्यादा विधानसभा सीटें जीत सकती है। इससे पहले कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की अखिलेश व सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से बातचीत हो चुकी थी। बातचीत की यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद कांग्रेस के रुख में नरमी भी दिखने लगी थी। कांग्रेस अब पूरी तरह केवल केंद्र सरकार पर ही हमलावर दिखती है। सपा के आंतरिक विवाद पर भी पार्टी ने उचित दूरी बनाए रखी।