किसानों की आय दुगना करने का जुमला बोलकर भाजपा सत्ता में आयी थी पर आज पूरे प्रदेश के किसान खाद की क़िल्लत से त्राहि-त्राहि कर रही है। योगी सरकार विज्ञापनों में चेहरा चमका रही है लेकिन किसानों के खेत खाद जैसी बुनियादी चीज़ को तरस रही है। कांग्रेस ने आज खाद की किल्लत को लेकर उत्तर प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि खाद की समस्या को लेकर प्रदेश के संम्पूर्ण जिलों, तहसीलों, ब्लाकों, में कांग्रेस पार्टी द्वारा ‘‘खाद दो वरना यूपी छोड़ों’’ नारे के साथ प्रदर्शन किया गया। उन्होंनने कहा कि प्रदेशस भर में खाद की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइन लगी हुई हैं लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल रही है। कई गुना ज़्यादा दाम पर ब्लैक में किसान खाद खरीदने को मजबूर हैं। डीज़ल की बढ़ी कीमत ने वैसे ही किसानों की लागत बढ़ा दी है, अब योगी सरकार के कुशासन की वजह से खाद भी किसानों को रुला रही है। बुन्देलखण्ड़ के सभी जनपदों एवं आगरा मंडल सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश जो अगेती दलहन, आलू की फसल के लिए पूरी दुनिया में अपनी पहचान रखता है, वहां उर्वरक की कमी के कारण फसल खराब होने की आशंका बढ़ गयी है। बुंदेलखंड में पिछले दिनों खाद की लाइन में खड़े-खड़े किसान की मौत हुई जो सरकारी तंत्र की हक़ीक़त बयान करता है।
प्रदेश अध्यक्ष श्री लल्लू ने कहा कि योगी सरकार में सबसे ज्यादा छल अन्नदाता के साथ ही हुआ। इसकी शुरूआत तथाकथित कर्जमाफी योजना से शुरू हुई, जिसमें तमाम किन्तु, परन्तु के बाद किसी का एक रूपया, तीस पैसा, पैंसठ पैसा, तीन रूपया का कर्ज माफ हुआ जो किसी मज़ाक से कम नहीं है। हजारों लाखों के बकायेदार किसान मानसिक तनाव झेल रहे थे, आत्महत्या करने को मजबूर थे,उनकी ओर ध्यान ही नहीं दिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष श्री लल्लू ने आगे कहा कि आय दोगुना करने की घोषणा करने वाली बीजेपी सरकार इस बात का जवाब दे कि 2017 से किसानों की लागत लगभग 4 गुना से अधिक कैसे हो गयी और इसका जिम्मेदार कौन है? खेती में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला डीजल के दाम दोगुने से ज्यादा हो गया है। खाद की कीमत दोगुने से ज़्यादा हो गयी, नतीजा ये है कि आय तो दोगुनी नहीं हुई, लागत ज़रूर दोगुनी हो गयी।
श्री अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि कांग्रेस लगातार किसानों के मुद्दे पर संघर्ष कर रही है। 14 नवम्बर 2021 से प्रतिज्ञा यात्रा के माध्यम से प्रदेश के गांवों में कांग्रेसजन घर-घर गये। किसानों ने बेहद पीड़ा के साथ बताया कि प्रदेश का किसान उर्वरक की समस्या, डीजल की बढ़ी कीमतों और छुट्टा जानवरों की आराजकता जैसी तमाम समस्याओं से टूट चुका है। रबी फसलों की बुआई का बेहतर समय समाप्त हो रहा है लेकिन सरकार खाद उपलब्ध कराने में असफल है। मुख्यमंत्री चुनावी रैलियों में तथा फर्जी शिलान्यास की घोषणाओं मे मस्त हैं,किसानों की उन्हें कोई चिंता नहीं है।