लखनऊ: उन्नाव में तकरीबन 2 महीने से लापता दलित लड़की की हत्या का मामला तूल पकड़ रहा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी ने उन्नाव पीड़िता की मां से फोन पर बात कर उन्हें उन्हें न्याय दिलाने की बात कही और पीड़िता के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने पीड़िता की मां से कहा कि इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई में पूरी कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़ी है। जल्दी मिलने आऊंगी और आपकी आवाज उठाऊंगी और आपके लिए लडूंगी। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस की तरफ से एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो उन्नाव जाकर पीड़िता के परिजनों से मुलाकात करेंगी और अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट पार्टी को देगी।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सचिन रावत ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने ट्वीट कर कहा कि ‘‘उन्नाव में जो घटा वो उत्तर प्रदेश में नया नहीं है। एक दलित लड़की की मां अपनी बेटी का पता लगाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटती रही, अंत में उसको अपनी बेटी का शव मिला। प्रशासन ने उसकी एक नहीं सुनी। भाजपा को इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय जवाब देना चाहिए कि प्रशासन क्यों उस मां को जनवरी से दौड़ाता रहा? किसने इस बिटिया की मां की गुहार नहीं सुनी?’’ उन्होंने मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘योगी आदित्यनाथ जी जी आप अपने भाषणों में कानून व्यवस्था की बात करना छोड़ दीजिए। आपके प्रशासन में महिलाओं को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ता है, महिलाओं पर अत्याचार होने पर उनकी आवाज सुनी ही नहीं जाती, महिलाओं पर अत्याचार कर उनकी हत्या कर दी जाती है और आप झूठे दावों में व्यस्त रहते हैं।’’
कांग्रेस द्वारा जारी एक पत्र में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू द्वारा कमेटी गठित करने की बात करते हुए कहा गया है कि कमेटी 12 फ़रवरी को उन्नाव के काशीराम कॉलोनी निवासी मृतका के परिजनों से मिलेगी। कमेटी स्थानीय प्रशासन से भी बात करेगी और वास्तविक जानकारी लेकर अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देगी। तदनुसार, कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार की पूरी लड़ाई लड़ेगी।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक, 2016 से 2020 तक उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं। इस दौरान अलग-अलग शहरों में वारदात में 20 हजार 816 लोगों का कत्ल हुआ। 2017 से 2019 तक यहां अपहरण के 58 हजार 222 मामले दर्ज हुए हैं। एनसीआरबी ने 2016 से 2019 तक के उन 20 शीर्ष शहरों की सूची जारी की है, जहां सबसे ज्यादा हत्याएं हुई हैं। इनमें तीन उत्तर प्रदेश के हैं। गाजियाबाद, कानपुर और लखनऊ में 2016 से 2019 के बीच मर्डर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल यानी 2020 में महिलाओं और युवतियों से दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के बाद सबसे ज्यादा हत्याएं उत्तर प्रदेश में हुईं हैं। दहेज हत्या के सबसे ज्यादा मामले भी उत्तर प्रदेश में ही दर्ज हुए। 2020 में यहां इस तरह के 2274 मामले दर्ज हुए। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से 2019 तक उत्तर प्रदेश में अपहरण के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए। यहां 2017 में 19,921, 2018 में 21,711 और 2019 में 16,590 लोगों का अपहरण किया गया।