लखनऊ: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों की गुणवत्ता को बनाये रखने हेतु नियमित जांच की जरूरत है, जो राज्य गुणवत्ता समनव्यकों द्वारा निरन्तर की जाती है। आपके अनुभव और प्रभावशाली कार्य से इसे और बेहतर बनाया जा सकता है। ये बातंे उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में बुधवार को मा0 ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ द्वारा राज्य गुणवत्ता समन्वयकों को सम्बोधित करते हुए कही गयीं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को और मजबूत करने के लिए निरन्तर समयावधि में सड़कों की गुणवत्ता की जांच किया जाना अति आवश्यक है। सड़कों को निर्मित करते समय वॉटर लॉक्ड एरिया को प्राथमिकता पर ठीक किया जाना जरूरी है इससे सड़क को क्षति नहीं पहंुचेगी और लम्बे समय तक अच्छी बनी रहंेगी।
उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में कैम्बर, क्रस्ट तथा स्टोनग्रिट का साइज सही होगा तो सड़कों की सतह मजबूत बनी रहेगी तथा उतार-चढ़ाव नहीं होगा तो पानी भी नहीं रूकेगा जिससे सड़कों की उम्र बढ़ेगी तथा ग्रामीण क्षेत्र की जनता को मजबूत व टिकाऊ सड़कंे मिलेंगी। उन्हांेने कहा की सड़कों को मजबूत करने के लिए आवश्यक है कि निर्धारित वजन के अनुसार ही रोलर का प्रयोग किया जाये जिससे सड़कों पर गिट्टी तथा डामर अच्छे से दब सके। उन्होंने कहा कि समय-समय पर घास की कटिंग होती रहनी चाहिए जिससे पटरी मजबूत बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में पहली बार 19000 कि0मी0 का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को मिला है, जिसकी गुणवत्ता बनाये रखने की जिम्मेदारी राज्य गुणवत्ता समन्वयकों पर है।
उन्होंने राज्य गुणवता समन्वयकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी एसक्यूएम बिना दबाव के कार्य करें तथा सड़कों की गुणवत्ता को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता न करें। उन्होंने कहा की सड़कों की गुणत्ता की जांच पूरी कड़ाई और निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाना आप सभी की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी बाजपेयी जी द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरूआत की गयी थी, जिसे अब पूरे उत्तर प्रदेश में पूरी गुणवत्ता के साथ निर्मित कराना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों का विकास सड़कों पर निर्भर है इसीलिए गांवों को गुणवत्तापूर्ण सड़क मार्ग से जोड़ना सरकार की पहली प्राथमिकता है, इसलिए सभी अभियन्ता पूरे मनोयोग तथा पारदर्शिता के साथ कार्य करें।
ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि एसक्यूएम द्वारा यह जरूर सुनिश्चित किया जाये कि सड़कों की निर्माण करने वाली फर्में लैब जरूर स्थापित करें तथा वह क्रियाशील भी हों। उन्होंने कहा कि मानकों का अनुसरण करने से सड़कों का निर्माण पूरी गुणवत्ता से होगा तथा सड़कें भी पैचलेस रहेंगी। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्यों की प्रशंसा जनता स्वयं करती है और जनता ही रेटिंग देती है इसलिए जनहित में अच्छा कार्यकर उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ रखिए।
अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास श्री मनोज कुमार सिंह ने राज्य गुणवत्ता समन्वयकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि तकनीकी पूर्ण जांच से सड़कों की गुणवत्ता बनी रहती है इसलिए निर्धारित मानक के अनुसार सामग्री प्रयोग कर गुणवत्ता पूर्ण सड़कंे बनती रहें। सड़कों को निर्मित करने वाली सामग्रियों को निर्धारित तापमान पर ही प्रयोग किया जाना चाहिए, इससे सड़कें मजबूत बनी रहती हैं।
बैठक को मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री भानु चन्द्र गोस्वामी, ग्रामीण विकास, मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव श्री राकेश कुमार द्वारा सम्बोधित किया गया। बैठक में श्री सुनील कुमार, श्री ज्ञान प्रकाश पाण्डेय, श्री राम अचल वर्मा, श्री विनोद कुमार त्रिपाठी, श्री अशोक कुमार गुप्ता, मो0 असलम अंसारी, श्री सत्य प्रकाश गुप्ता, श्री प्रमोद कुमार गर्ग, श्री रमन कुमार श्रीवास्तव, श्री विकास चन्द्र आर्य, श्री विनोद कुमार जैन सहित सैकड़ों समन्वयकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।