लखनऊः उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने कहा है कि जिन क्षेत्रों/जनपदों में भूजल की गुणवत्ता खराब है तथा जमीन के नीचे पानी की उपलब्धता अत्यन्त कम है, ऐसे जनपदों/क्षेत्रों में सतही óोत आधारित पेयजल योजनाओं के लिए कारगर रणनीति अपनाई जाय, इसके अलावा इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना तैयार कराई जाय।
जलशक्ति मंत्री आज यहां विधान भवन के कक्ष संख्या-80 में भूजल की गुणता व विभिन्न अशुद्धियों के कारण पीने योग्य नहीं है, इन क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भूजल कम वाले क्षेत्रों में पानी की कमी के कारण तथा अन्य कारकों का विस्तार से अध्ययन कराया जाय। इसके साथ ही जमीन के नीचे उपलब्ध पेयजल की गुणवत्ता की जांच करायी जाय। इसके पश्चात डी0पी0आर0 तैयार कराकर क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त जलापूर्ति के लिए संकटग्रस्त क्षेत्रों का विस्तार से अध्ययन करा लिया जाय तथा नजदीक स्थित जल óोतों से पेयजल उपलब्ध कराने के विकल्पों पर भी विचार किया जाय।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि यमुना नदी के किनारे ंिस्थत आगरा आदि जनपदों में नदियों का जल प्रदूषित है, भूजल के शोधन के लिए आर0ओ0 प्लांट लगाया जाना एक विकल्प हो सकता है। इसके अलावा नरौरा, हाथरस, मथुरा तथा फिरोजाबाद के कुछ क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नजदीक की नदियों एवं जल óोतों से पानी लिया जा सकता है।
अपर मुख्य सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन श्री टी0 वेंकटेश ने बैठक में उपयोगी सुझाव देते हुए कहा कि मा0 मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन सिंचाई विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा। इसके साथ ही भूजल की कमी वाले क्षेत्रों/जनपदों में सिंचाई विभाग जहां आवश्यकता होगी नदियों/नहरों से जलापूर्ति कराने में सहयोग करेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति श्री अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि जहां भूजल अशुद्धियों के कारण पेयजल उपयोग लायक नहीं है। वहां जलापूर्ति किये जाने के लिए कार्रवाई सुनिश्चिित की जायेगी। इसी प्रकार हाथरस, मथुरा तथा फिरोजाबाद में पानी की कमी दूर करने के लिए उपलब्ध विकल्पों पर कार्रवाई सुनिश्चिित की जायेगी।
बैठक में सचिव वन एवं पर्यावरण श्री आशीष तिवारी, अधिशासी निदेशक जल जीवन मिशन श्री अखण्ड प्रताप सिंह, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष श्री वी0के0 निरंजन सहित जल निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।