लखनऊ: अधिशाषी निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन श्री सुरेन्द्र राम ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि निर्माणाधीन पेयजल परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ तय समय सीमा में पूरा करायें ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता को भरपूर मात्रा में पेयजल उपलब्ध हो सके। उन्होंने नीर-निर्मल परियोजना के सभी कार्य सितम्बर, 2019 तक पूरा करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भौतिक प्रगति एवं व्यय विवरण की फीडिंग 27 सितम्बर तक हरहाल में पूरी कर ली जाय।
अधिशाषी निदेशक आज यहां योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पाइप पेयजल परियोजनाओं तथा पेयजल आपूर्ति के लिए संचालित अन्य कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र में संचालित एवं निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं को भी समय से पूरा किया जाय।
श्री सुरेन्द्र राम ने सभी अनुरक्षणाधीन पाइप पेयजल योजनाओं की अद्यतन प्रगति की विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं की सही जानकारी के लिए संबंधित जनपद के अवर एवं सहायक अभियन्ता मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन करें और फोटो सहित पूरा विवरण उपलब्ध करायें।
अधिशाषी निदेशक ने यह भी निर्देश दिये कि स्वीकृत कार्यों के टेन्डर की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करायी जाय। इसके साथ ही जलमूल्य की वसूली भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि जलमूल्य के वसूली के लिए शीघ्र ही शासनादेश जारी किया जायेगा और जो अधिकारी पानी के बिल की वसूली में असफल पाये जायेंगे उनकी वार्षिक रिपोर्ट में इसका उल्लेख भी किया जायेगा।
श्री सुरेन्द्र राम ने कहा कि 08 महात्वकांक्षी जनपदों में स्वजल परियोजना के चिन्हित ग्राम पंचायतों में पेयजल योजना के संबंध में पूर्व में जारी निर्देशों के अनुसार तत्परता से कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इसके अलावा जेई/एईएस प्रभावित जनपदों में संचालित पाइप पेयजल योजनाओं को पूरी क्षमता से संचालित किया जाय। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण करके क्रियाशील किया जाय, जिससे शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सके और इन बीमारियों के प्रकोप को कम किया जा सके।