नई दिल्ली: गृह मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों की बैठक आज यहां गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में गृह राज्य मंत्री श्री हरिभाई पार्थी भाई चौधरी, श्री किरन रिजिजू तथा केन्द्रीय गृह सचिव श्री राजीव महर्षि उपस्थित थे।
श्री राजनाथ सिंह ने सदस्यों को बताया कि सरकार ने आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण में परिवर्तन किया है और अब आपदा प्रबंधन को राहत केन्द्रीत की जगह समग्र और एकीकृत रूप से देखा जाएगा। इसमें आपदा रोकने, कम करने, तैयारी, आपदा प्रतिउत्तर राहत, पुर्निर्माण और पुनर्वास को शामिल करके वयापक बनाया गया है। यह दृष्टि इस विचार पर आधारित है कि जब तक विकास प्रक्रिया में आपदा कम करने की बात शामिल नहीं की जाती, तब तक सतत विकास नहीं हो सकता।
गृह मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान और प्रलेखन सहित क्षमता सृजन के लिए उत्तरदायी बनाया गया है। सरकार ने आन्ध्र प्रदेश में एनआईडीएम के दक्षिणी परिसर की स्थापना की मंजूरी 05 फरवरी, 2016 को दी। इसकी स्थापना में 2016-2017 और 2017-18 में 70.87 करोड़ रूपये की लागत आएगी।
श्री राजनाथ सिंह ने सदस्यों को बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून आने के पहले गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के राहत आयुक्तों/आपदा प्रबंधन विभाग के सचिवों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि अंतिम सम्मेलन 18 मई, 2016 को हुआ।
श्री राजनाथ सिंह ने आपदा और आपदा जैसी स्थिति से निपटने में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कार्य की सराहना भी की। उन्होंने सदस्यों को बताया कि राज्य सरकारों की मदद के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में एनडीआरएफ की 12 बटालियने तैनात हैं। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ दिखने वाला, जीवंत, बहुकौशल सम्पन्न और उच्च प्रौद्योगिकी से लेस बल है और यह बल प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं से निपट सकता है। 12 एनडीआरएफ बटालियनों में से 23 टीमें विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं। मंत्रालय ने 10 बटालियन और 10 टीम के स्थानों पर एनडीआरएफ के कार्यालय, प्रशिक्षण अब संरचना तथा आवासीय भवन के लिए पिछले वर्ष 882.24 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन तैयारी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाया जा रहा है। गृह मंत्रालय ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को घनिष्ठ बनाने के लिए 22-23 अगस्त, 2016 को राजस्थान के उदयपुर में ब्रिक्स देशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों की बैठक आयोजित कर रहा है। भारत ने नवम्बर, 2016 में आपदा जोखिम में कमी के लिए एशियाई देशों के मंत्रिस्तरीय सम्मेलनों की मेजबानी अपने हाथ में लेकर नेतृत्व की भूमिका निभाई है।
सदस्यों ने बाढ़ पूर्व अनुमान, वर्तमान संस्थागत प्रबंधन, नियमित प्रशिक्षण, राज्यों को धन आवंटन, बादल फटने की घटना, किसानों को दी जाने वाली सहायता के मानक, धन उपयोग और शहरी क्षेत्रों में बाढ़ जैसे विषयों के बारे में प्रश्न उठाए। उन्होंने बैठक के उचित एजेंडा के लिए गृह मंत्री को धन्यवाद दिया।
बैठक में लोकसभा सदस्य डॉक्टर भागीरथ प्रसाद, श्री देवेन्द्र उर्फ भोला सिंह, श्री हरीश चंद्र देवराम चौहान, श्री हुकूम सिंह, श्री ज्योतिरादित्य माधव राव सिंधिया, श्री कृति झा आजाद, डॉक्टर थोके चौम मिनिया तथा श्री टी.जी. वेंकटेश बाबू और राज्य सभा से श्री भुवनेश्वर कलिता, श्री देवेन्द्र गौड़ टी, श्री के.सी त्यागी, श्री मुकूल राय, श्री एस.मुथ््थु करप्पन तथा श्री शांताराम नाइक शामिल हुये।