नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक आज यहां बुलाई गई। बैठक में महिला सशक्तिकरण के लिए संभावित योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं पर चर्चा की गई।
बैठक में विभिन्न सांसदों सहित श्रीमती प्रतिमा मंडल, श्रीमती विप्लव ठाकुर, श्रीमती आर वनारोजा, श्रीमती कनकलता सिंह, श्रीमती प्रियंका सिंह रावत और श्रीमती विमला कश्यप सूद उपस्थित थीं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने महिला कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए नए कदमों और योजनाओं की जानकारी सदस्यों को प्रदान की, जिनमें स्वास्थ्य फोन पहल, हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए विशेष केंद्र, महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए गांवों में विशेष पुलिस अधिकारियों की निुयक्ति और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत विभिन्न पहलें शामिल हैं।
समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि पोषण के सम्बन्ध में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पूरी तरह प्रशिक्षित किया जाना चाहिए तथा उनका मानदेय बढ़ाकर आंगनवाड़ी संस्थाएं चलाने के लिए समुचित स्थान उपलब्ध कराया जाना चाहिए। एक सदस्य ने यह भी सुझाव दिया कि मैदानी स्तर पर शिविरों का आयोजन करना चाहिए जिसमें पुरुषों को भी शामिल करना चाहिए ताकि महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं और कार्यक्रमों में उनकी भी भागीदारी संभव हो सके। सदस्यों ने यह सुझाव भी दिया कि आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को बीबीबीपी योजना में शामिल करना चाहिए क्योंकि उनके पास अपने क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं के पूरे आंकड़े रहते हैं। कुछ सदस्यों ने कुछ योजनाओं के लिए केन्द्रीय बजट में कमी के प्रति चिंता व्यक्त की और कहा कि राज्य सामाजिक क्षेत्र में अपना निवेश बढ़ाने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि हर राज्य की अपनी-अपनी प्राथमिकताएं होती हैं। विशेष पुलिस अधिकारियों के संबंध में लिए गए कदमों की सराहना करते हुए समिति के सदस्यों ने सुझाव दिया कि उम्मीदवारों को बेहतर प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि वे योजना का पूरा लाभ प्रदान कर सकें।
सुझावों का उत्तर देते हुए श्रीमती मेनका संजय गांधी ने छत्तीसगढ़ का उदाहरण दिया जहां शौर्यवाहिनी योजना से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 70 प्रतिशत कमी हुई है। श्रीमती गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आंगनवाडि़यों को समुचित प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी ताकि वे अपने कर्तव्य का पालन सुचारू रूप से कर सकें। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए राज्यों को प्रेरित करें कि वे पुलिस बल में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करें।
महिला एवं बाल विकास सचिव श्री वी सोमासुंदरम ने बताया कि मंत्रालय अगले पांच वर्षों के दौरान 50 हजार आंगनवाडि़यों का निर्माण करने का विचार रखता है। यह काम ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायतों की सहायता से किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए नई प्रोत्साहन योजना बनाई गई है जिसे पोषण अभियान में शामिल किया गया है।