लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पी0सी0डी0एफ0 के नियन्त्रणाधीन 58 दुग्धसंघों एवं पराग डेरी नोएडा तथा समस्त सहकारी दुग्ध समितियों को उपभोक्ताओं को उच्चगुणवत्तापूर्ण दुग्ध की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश, जिला दुग्ध विकास अधिकारियों को दिए हैं।
प्रदेश के 58 दुग्ध संघों में लगभग 11096 प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के पांच लाख सदस्य हैं। इन दुग्ध समितियों से 7.70 लाख किलोग्राम दूध प्रतिदिन प्राप्त किया जा रहा है। सरकार ने सहकारी दुग्ध समितियों के केन्द्र प्रभारियों/दुग्ध विकास अधिकारियों को किसानों के द्वार पर जा कर उनके दुधारू पशुओं का दूध उपार्जित करने के निर्देश दिए हैं। दुग्ध समितियों के प्रभारियों द्वारा शासन के निर्देशानुसार सक्रिय पहल किये जाने के फलस्वरूप अब समितियों द्वारा रिकार्ड दूध की खरीददारी की जा रही है।
ग्राम्य स्तरीय दुग्ध समितियों में पारदर्शिता के उद्येश्य से प्रदेश में 5118 आटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट स्थापित की जा चुकी है। किसानों से उपार्जित दुग्ध को ठंडा रखने के लिए ग्राम स्तर पर 515 मिल्क कूलर सेण्टर की व्यवस्था की जा चुकी है। प्रदेश के मुख्य महानगरों में उपभोक्ताओं को 7000 विक्रय एजेण्टों तथा 800 मिल्क बूथों के माध्यम से गर्मी के महीनों में तीन लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध की विक्री की जाती है। उपभोक्ताओं को 24 घण्टे दुग्ध उपलब्ध कराने के लिए आल टाईम मिल्क (ए0टी0एम0) बूथों की स्थापना की जा चुकी है।
प्रदेश में सहकारी दुग्ध समितियों द्वारा तरल दूध की बिक्री के अलावा पराग बूथों से पराग ब्राण्ड शुद्ध, गुणवत्तापरक घी, मक्खन, पनीर, दही, छाछ, मट्ठा, फ्लेवर्ड मिल्क, शुद्ध पेयजल, लड्डू, पेड़ा, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, कलाकन्द, का भी उत्पादन एवं बिक्री की जा रही है। घी एवं मक्खन की बिक्री राज्य स्तर पर स्थापित दो क्षेत्रीय विपणन कार्यालयों-मेरठ,एवं लखनऊ के माध्यम से की जा रही है।