नई दिल्ली: टिड्डी नियंत्रण अभियान की शुरुआत भारत के राजस्थान से 11 अप्रैल, 2020 से हुई। भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के विभिन्न टिड्डी वृत्त कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 19 जुलाई 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में 186,787 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया है। राज्य सरकारों द्वारा भी टिड्डी नियंत्रण अभियान 11 अप्रैल 2020 से शुरू किया गया और राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार की राज्य सरकारों ने 19 जुलाई 2020 तक 183,664 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया है।
19-20 जुलाई 2020 की मध्यरात्रि में टिड्डी चेतावनी संगठन के विभिन्न टिड्डी वृत्त कार्यालयों ने राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, अजमेर, सीकर और पाली में 31 स्थानों पर टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया। इसके अलावा, 19-20 जुलाई 2020 की मध्यरात्रि में उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने रामपुर जिले में एक स्थान पर टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया।
वर्तमान में केंद्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी 79 नियंत्रण टीमें बनाकर छिड़काव उपकरणों के साथ राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में टिड्डी नियंत्रण कर रहे हैं। इसके अलावा 15 नए छिड़काव उपकरण भी प्राप्त हो चुके हैं। 5 कंपनियों के लिए 15 ड्रोन बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी, बीकानेर और नागौर में कार्यरत है। राजस्थान में अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण के लिए एक बेल 206-बी3 हेलीकॉप्टर को हवाई छिड़काव हेतु तैनात किया गया है। टिड्डी नियंत्रण में हवाई छिड़काव के लिए भारतीय वायु सेना ने भी Mi-17 हेलीकॉप्टर का उपयोग करके परीक्षण किया है तथा इसके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं।
गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा राज्यों में कोई महत्वपूर्ण फसल नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, राजस्थान के कुछ जिलों में मामूली फसल नुकसान हुआ है।
आज राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, अजमेर, सीकर, एवं पाली जिलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में अपरिपक्व गुलाबी टिड्डियों और वयस्क पीली टिड्डियों के दल सक्रिय हैं।
1. राजस्थान बीकानेर में गांव मुकाम, तहसील नोखा में एक स्वदेश निर्मित स्प्रेयर का परीक्षण (ट्रायल रन)।
2. जोधपुर, राजस्थान में गांव नेवा, तहसील बाप में 5वें इंस्टार हॉपर का एक समूह।
3. राजस्थान के पाली में गांव राजोला, तहसील सोजत में एलडब्ल्यूओ का टिड्डी नियंत्रण अभियान।
4. उत्तर प्रदेश के रामपुर में गांव ज्वालापुर, विकास खंड बिलासपुर में एक ड्रोन द्वारा टिड्डी नियंत्रणI
5. राजस्थान पाली के गांव मोरिया, तहसील रोहटन में मृत टिड्डी।
6. चूरू राजस्थान के गांव आबसार, तहसील सुजानगढ़ में एलडब्ल्यूओ का टिड्डी नियंत्रण अभियान।
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के 13.07.2020 के टिड्डी स्टेटस अपडेट के अनुसार, आने वाले हफ्तों में उत्तरी सोमालिया में और अधिक टिड्डियों के झुंड पैदा होने की संभावना है तथा भारत-पाकिस्तान की सीमा के दोनों ओर उत्तर-पूर्व सोमालिया से हिंद महासागर के रास्ते टिड्डियों के झुंडों का आना लगभग तय है।
भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) और दस टिड्डी वृत्त कार्यालय (एलसीओ) राजस्थान (जैसलमेर, बीकानेर, फलौदी, बाड़मेर, जालौर, चूरू, नागौर एवं सूरतगढ़) और गुजरात (पालनपुर और भुज) में स्थित हैं, जो मुख्य रूप से राजस्थान और गुजरात के दो लाख वर्ग किलोमीटर अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में टिड्डी का सर्वेक्षण एवं नियंत्रण करते हैं।
एफएओ द्वारा दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) के रेगिस्तान टिड्डी पर साप्ताहिक आभासी बैठक आयोजित की जा रही है। दक्षिण पश्चिम एशियाई देशों के तकनीकी अधिकारियों के बीच 15 आभासी बैठकें अब तक हुई हैं।