लखनऊ: प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि सहकारी बैंकों को कृषि ऋण वितरण में अधिकाधिक सहभागिता निभानी चाहिए जिससे नाबार्ड , राज्य सरकार व किसानों के उददेश्यों की पूर्ति हो सके। व्यवसायिक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की बढ़ती हुयी प्रतिस्पर्धा में सहकारी बैंकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण हो गई है। बर्ड द्वारा बैंकों के सुचारू संचालन हेतु जो महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए जाएं उसका सहकारी बैंकों में कडाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।
यह विचार श्री वर्मा आज यहाॅं बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (बर्ड) कानपुर रोड स्थित नाबार्ड द्वारा स्थापित प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ में जिला सहकारी बैंको के नव-निर्वाचित अध्यक्ष व संचालक सदस्यों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन करने के उपरान्त व्यक्त किये। उन्होंने कार्पोरेट गवर्नेंस पर विशेष बल देते हुए समस्त अध्यक्ष, जिला सहकारी बैंक लि0, उत्तर प्रदेश से कहा कि बर्ड द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण सत्र का लाभ उठाते हुए बैंकों के उत्थान हेतु अपना पूर्ण योगदान देना सुनिश्चित करें। उन्हांेने कहा कि जहां बैंक/पैक्स को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया जा रहा है, वहीं कृषकों एवं ग्राहकों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति पर भी बैंक के संचालकों पर जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
श्री वर्मा ने कहा कि नाबार्ड की अपेक्षानुसार अध्यक्षों, जिला सहकारी बैंक लि0, उत्तर प्रदेश अपने-अपने बैंक का उद्देश्य सुनिश्चित करें और पूर्ण मनोयोग से उसकी पूर्ति हेतु कदम उठाएं। उन्होने बर्ड के निदेशक, श्रीमती टी0एस0 राजी गैन को धन्यवाद दिया कि इतने कम समय में उनके संस्थान द्वारा इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बर्ड के निदेशक श्रीमती टी0एस0 राजी गैन, नाबार्ड क्षेत्रीय के मुख्य महाप्रबन्धक श्री ए0के0 पाण्डा, श्री रवि कान्त सिंह, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0, लखनऊ, श्री राजकुमार, संयुक्त निदेशक, बर्ड, तथा प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष द्वारा भाग लिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय डा0 सुधान्शु , के0के0 मिश्रा एवं डा0 आर0आर0 सिन्हा, संकाय सदस्य, बर्ड द्वारा किया गया।