लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा आज उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम, स्थित न्यू हैदराबाद निशातगंज लखनऊ में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम एक व्यवसायिक संस्था है, जिसकी स्थापना ‘‘दि एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस (डेवलपमेन्ट एण्ड वेयरहाउसिंग) कारपोरशन्स एक्ट 1956 के तहत राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1958 में किया गया। यह एक्ट बाद में रिपील हो कर ‘‘दि वेयरहाउसिंग कारपोरेशन एक्ट 1962‘‘ के रूप में प्रतिस्थापित हुआ। निगम के समानुपातिक अंशधारी (50 प्रतिशत) राज्य सरकार तथा केन्द्रीय भण्डारण निगम हैं।
श्री वर्मा ने बताया कि निगम का मुख्य कार्य कृषि उपज, बीज, उर्वरक तथा अन्य अधिसूचित वस्तुओं के वैज्ञानिक भण्डारण एवं परिवहन की व्यवस्था करना है। वर्तमान में निगम के भण्डारगृहों में मुख्यतः भारतीय खाद्य निगम द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली हेतु वांछित खाद्यान्न तथा मूल्य समर्थन योजना के तहत क्रय किये गये खाद्यान्न का भण्डारण करना है। इस हेतु भारतीय खाद्य निगम द्वारा निगम के भण्डारगृहों को किराये पर लिया जाता है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा भण्डारित खाद्यान्न के भण्डारण व निकासी हेतु उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम द्वारा विभिन्न भण्डारगृहों पर हैण्डलिंग व ट्रांसपोर्ट ठेकेदार की ई-टेण्डर के माध्यम से नियुक्ति की जाती है। नियुक्त ठेकेदार द्वारा खाद्यान्न भण्डारण व निकासी के कार्य हेतु श्रमिकों की व्यवस्था स्वयं के संसाधन से की जाती है, जिसका भुगतान भारतीय खाद्य निगम द्वारा किया जाता है। नियुक्त ठेकेदार द्वारा भण्डारण व निकासी के कार्य हेतु लगाये गये श्रमिकों से निगम का कोई सरोकार नहीं होता है।
सहकारिता मंत्री ने विगत लगभग 04 वर्षो में उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम द्वारा अर्जित उपलब्धियों की जानकारी बिन्दुवार दी।
- वर्ष 2016-17 में निगम की भण्डारण क्षमता 36.76 लाख मै0टन एवं उपयोगिता 78.78 प्रतिशत थी। वर्ष 2019-20 में भण्डारण क्षमता बढ़कर 40.62 एवं उपयोगिता 85.89 प्रतिशत हो गयी।
- वर्ष 2016-17 में निगम की कुल आय रू0 493.85 करोड़ एवं शुद्ध लाभ रू0 45.65 करोड़ था। वर्ष 2019-20 में कुल आय रू0 329.48 करोड़ एवं शुद्ध लाभ बढ़कर रू0 101.76 करोड़ हो गया है।
- निगम द्वारा अपने दोनों अंशधारियों यथा केन्द्रीय भण्डारण निगम एवं राज्य सरकार को बराबर लाभांश का भुगतान किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में दोनों को रू0 1.18 करोड़ का अलग-अलग लाभांश दिया गया।
- भण्डारण क्षमता विस्तार के अन्र्तगत कुल 10.18 लाख मै0टन क्षमता का सृजन कराया जा रहा है जिसके अन्र्तगत 01.50 लाख मै0टन साइलो निर्माण एवं 06.85 लाख मै0टन पी0ई0जी0 योजना के अन्र्तगत गोदाम निर्माण, मण्डी परिषद से 36 मण्डी समितियों पर प्राप्त भूमि एवं निगम के दो भण्डारगृहों पर 5,000-5,000 मै0टन क्षमता के कुल 01.90 लाख मै0टन क्षमता के गोदाम निर्माण कराये जा रहे हंै (मण्डी समितियों में निर्मित क्षमता 0.65 लाख मै0टन पी0ई0जी0 योजना के अन्र्तगत)। उक्त के अतिरिक्त निगम के भण्डारगृहों के कैम्पस में पड़ी रिक्त भूमि पर 0.58 लाख मै0टन क्षमता के गोदामों का निर्माण प्रस्तावित है।
- निगम द्वारा केन्द्रीय पूल के अन्र्तगत वर्ष 2016-17 में 05.26 लाख मै0टन गेहूॅ एवं 14.04 लाख मै0टन चावल कुल 19.30 लाख मै0टन खाद्यान्न का भण्डारण कराया गया था। वर्ष 2019-20 में 26.15 लाख मै0टन गेहूॅ एवं 25.82 लाख मै0टन चावल कुल 51.97 लाख मै0टन खाद्यान्न भण्डारित किया गया।
- कोविड-19 के कारण लगे देशव्यापी लाॅकडाउन व अनलाॅक में भी निगम द्वारा दिनांक 25.03.2020 से दिनांक 10.02.2021 तक अपने गोदामों में 41.60 लाख मै0टन0 गेहूॅ व 41.71 लाख मै0टन चावल कुल 83.31 लाख मै0टन खाद्यान्न का भण्डारण कराया गया तथा प्रधानमंत्री गरीब योजना के अन्र्तगत 40.60 लाख मै0टन गेहॅंू एवं 39.55 लाख मै0टन चावल कुल 80.15 लाख मै0टन खाद्यान्न की रिकार्ड तोड़ निकासी दी गयी।
- सरकार की मंशा के अनुरूप कृषकों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से निगम के 19 भण्डारगृहों को भण्डारागार विकास विनियामक प्राधिकरण(डब्ल्यू0डी0आर0ए0) के अन्र्तगत पंजीकरण कराया गया है। उक्त गोदामों में भण्डारण करने पर कृषकों को 90 प्रतिशत तक ऋण की सुविधा उपलब्ध है।
- निगम द्वारा कृषक प्रसार सेवा योजना के अन्र्तगत खाद्यान्न की सुरक्षा हेतु वर्ष 2019-20 में 43861 कृषकों को प्रशिक्षित किया गया है तथा कीटपरिनाशक सेवा योजना के अन्र्तगत कृषकों एवं व्यापारियों आदि के भण्डारित स्टाक की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
- निगम के कार्यों को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने हेतु समस्त प्रक्रियाएं/खरीद ई-टेण्डरिंग अथवा जेम के माध्यम से सम्पन्न करायी जा रही है।
- आई0जी0आर0एस0 पोर्टल के माध्यम से प्राप्त शिकायतों/प्रकरणों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा के अन्र्तगत किया जा रहा है।
- उ0प्र0 शासन के आदेश के अनुपालन में वर्ष 2001 तक के 521 आकस्मिक/संविदा कर्मचारियों का विनियमिमिकरण किया जा चुका है एवं शेष आकस्मिक/संविदा कार्मिकों के विनियमितिकरण की कार्यवाही प्रक्रिया मे है।
- निगम द्वारा कर्मचारी कल्याण निधि से नियमित कार्मिकों के बच्चों (एक कार्मिक के अधिकतम दो बच्चों) को उच्च शिक्षा में दी जाने वाली ट्यूशन फीस का 50 प्रतिशत निगम द्वारा प्रदान किया जाता है।
- निगम में कार्यरत नियमित कार्मिकों के प्रथम पुत्री के जन्म पर रू0-5,100.00(रूपये पाॅच हजार एक सौ) मात्र एवं पुत्री की शादी/विवाह हेतु रूपये-21,000.00 (रूपये इक्कीस हजार) का अनुदान दिये जाने की स्वीकृति संचालक मण्डल द्वारा दिनांक 09-12-2020 को प्रदान की गयी है।
- उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम को दिनांक 18.01.2021 को व्हाट्सऐप के माध्यम से निगम के प्रबन्ध निदेशक के निजी सचिव, को अपर मुख्य सचिव (गृह) उ0प्र0 शासन के कैम्प कार्यालय से शासन का पत्र सं0-224/सह0-1/2021 दिनांक 13.01.2021 प्राप्त हुआ है, जिसमें श्री एस0के0 पाण्डेय, राष्ट्रीय महामंत्री, आलइण्डिया वेयरहाउसिंग कारपोरेशन इम्प्लाइज यूनियन लखनऊ के पत्र दिनांक 07.12.2020 एवं पत्र सं0-4038 दिनांक 11.02.2020 के क्रम में जिलाधिकारी सीतापुर व फतेहपुर को राज्य भण्डारण निगम में कार्यरत श्रमिकों का तत्काल नियमितीकरण करने के निर्देश दिये जाने का उल्लेख था। उन्होंने बताया कि पुनः निगम को दिनांक 19.01.2021 को जिलाधिकारी फतेहपुर/सीतापुर को सम्बोधित आलइण्डिया वेयरहाउसिंग कारपोरेशन इम्प्लाइज यूनियन लखनऊ के महामंत्री श्री एस0के0 पाण्डेय द्वारा प्रेषित पत्र सं0-।प्ॅभ्ब्ध्न्10ध् दिनांक 18.01.2021, जिसके साथ शासन का पत्र सं0-224/ सह0-1/2021 दिनांक 13.01.2021 तथा जनपद फतेहपुर पक्का तालाब डिपों पर 410 श्रमिक व जहाॅनाबाद में 67 श्रमिक तथा रामकोट में 360 श्रमिक व नेरीकला में 360 श्रमिक कुल 1197 कार्यरत श्रमिको की तालिका सूची को संलग्न कर आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया।
- निगम द्वारा शासन के उक्त पत्र पर जारीकर्ता अधिकारी श्री शैलेन्द्र कुमार, अनु सचिव, सहकारिता अनुभाग-1, से पूर्व में प्राप्त पत्र एवं वर्तमान में प्राप्त पत्र पर अंकित हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया भिन्नता परिलक्षित होने पर निगम के पत्र सं0-रा0भ0नि0/12975/वाणिज्य/है0ट्रा0/20-21 दिनांक 22.01.21 द्वारा शासन को उपरोक्त के सन्दर्भ में कार्यवाही हेतु सन्दर्भित किया गया। पुनः निगम को शासन का एक अन्य पत्र सं0-437/49-2021 दिनांक 27.01.21 प्राप्त हुआ, जिसमें जारीकर्ता अधिकारी श्री शिवाजी सिंह, उप सचिव, सहकारिता अनुभाग-1, उ0प्र0 शासन के प्राप्त पत्र पर हस्ताक्षर तथा पूर्व में प्राप्त पत्रों पर अंकित हस्ताक्षर में भिन्नता परिलक्षित हुई, जिसे शासन को निगम के पत्र सं0-रा0भ0नि0/13459/वाणिज्य/है0ट्रा0/शासन/2020-21 दिनांक 03.02.2021 द्वारा इस सन्दर्भ में कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया।
- निगम के उपरोक्त पत्रों का संज्ञान लेते हुए शासन ने पत्र सं0-204/49-1-2021 दिनांक 08.02.2021 द्वारा स्पष्ट किया गया है कि उपरोक्त पत्र यथा पत्र सं0-224/सह0-1/2021 दिनांक 13.01.2021 तथा पत्र सं0-437/49-2021 दिनांक 27.01.2021 शासन द्वारा जारी नहीं किया गया है। उपरोक्त पत्र के माध्यम से प्रकरण में एफ0आई0आर0 व समुचित कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। उपरोक्त शासन के निर्देश के क्रम में उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम द्वारा पत्र सं0-13861 दिनांक 09.02.21 द्वारा क्षेत्रीय प्रबन्धक लखनऊ व प्रयागराज को प्रथम सूचना रिपोर्ट/समुचित वैधानिक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। निगम द्वारा पत्र सं0-13860 दिनांक 09.02.21 द्वारा सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को प्रकरण से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्यवाही का अनुरोध किया गया है और सर्व साधारण से अपील है कि ऐसे श्रमिकों की नियुक्ति के सन्दर्भ में किसी तरह के दुष्प्रचार अथवा प्रलोभन में न आयें।