देहरादून: प्रदेश के राजस्व, सिंचाई एवं सहकारिता मंत्री उत्तराखण्ड सरकार यशपाल आर्य ने विधानसभा के कार्यालय कक्ष में सहकारिता विभाग के कार्यो की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के जिला सहकारी बैंक की प्रत्येक शाखा अपने कार्य क्षेत्र के एक गांव को आदर्श सहकारी ग्राम के रूप में विकसित करे
तथा आदर्श ग्रामों को विद्युत, पेयजल, स्वास्थ्य तथा शिक्षा की आदर्श व्यवस्था करवाऐं इसके साथ ही उन्होंने सचिव सहकारिता एवं निबन्धक बिजय ढौंडियाल को निर्देश दिये कि जिला अधिकारियों के माध्यम से समन्वय स्थापित कर प्रत्येक तहसील परिसर में जिला सहकारी बैंक के एटीएम की स्थापना की कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ की जाय। इसके साथ ही गा्रमीण स्तर पर ऋण मेला का आयोजन भी करें जिससे सहकारिता की विजिबल वाईबलेटी भी बढेगी, तथा ग्रामीण जन समूह को सहकारिता की जानकारी भी प्राप्त होगी। इसके लिए फाईनानशियल लिटरेसी का कैम्प का आयोजन भी करवाये जायें।
उन्होंने बैठक मे सहकारिता से जुडे़ अधिकारियों से कहा कि गांव-गांव में जाकर सहकारिता के कैम्प लगाये जाने एवं सदस्यता अभियान भी चलाया जाय जिससे लोगों की मोवेबिलीटी रहेगी। इसकी शुरूआत विकासखण्ड स्तर से प्रचार-प्रसार करते हुए की जाय।
उन्होंने प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के व्यवसाय संवर्धन हेतु उन्हें बहुदेशीय केन्द्र के रूप में विकसित करें तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पैक्स की भूमिका को प्रभावी बनाने हेतु उन्हें सिंगिल विंडो सिस्टम के रूप में विकसित किया जाय तथा वे अपने कार्यक्षेत्र के गांवों को विविध सेवाएॅं उपलब्ध करायें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे पैक्स को बहुधन्धी बनायें जाने हेतु तीन माह की अवधि में कार्य योजना प्रस्तुत करें।
बैठक में उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता के अन्तर्गत कर्मचारी कल्याण निगम का गठन किया गया है, तथा इस निगम को संचालित किये जाने हेतु राज्य सरकार से 2 करोड़ रूपये की कार्यशील पूंजी दिये जाने की मांग की गई है। मा0 मंत्री सहकारिता द्वारा अवगत कराया गया कि निगम कर्मचारियों को सस्ती दरों पर उपभोक्ता वस्तुएॅं सुलभ करायेगा। निगम के रिटेल स्टोर प्रारंभिक चरण में दो पर्वतीय जनपदों एवं तीन मैदानी जनपदों में स्थापित करेंगा।
बैठक में अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड राज्य भण्डारागार निगम के गठन की प्रक्रिया के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश व उत्तरखण्ड राज्य में मध्य परिसम्पत्तियों के बंटवारे की कार्यवाही अन्तिम चरण में है। मंत्री जी द्वारा सचिव सहकारिता को निर्देशित किया गया कि
वे माह अक्टूबर के द्वितीय सप्ताह में दोनों राज्यों के मध्य बैठक आयोजित कर परिसम्पत्तियों के बंटवारे की कार्रवाही को अंन्तिम रूप दें।
उन्होंने विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान जनपद देहरादून में खैरीमान सिंह गुजराड़ा साधन सहकारी समिति लिमिटेड के माध्यम से समेकित आजीविका संवर्धन हेतु स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में उपस्थित जिला सहायक निबंधक देहरादून राजेश चैहन द्वारा अवगत कराया गया कि खैरीमान सिंह ने प्रथम चरण में लगभग एक एकड़ बंजर भूमि में एकीकृत फार्म का विकास किया जा रहा है। जिसमें इन्ट्रीगेट फिश फार्मिंग, डेयरी, मुर्गी पालन तथा मौन पालन व चारा विभाग व जड़ी-बूटी उत्पादन का कार्य स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा।
मा0 मंत्री जी द्वारा निर्देश किये गए कि सहकारिता समितियों विकास खण्ड स्तर पर शिविरों का आयोजन कर अधिक से अधिक युवाओं को समितियों से जोड़कर सदस्तया अभियान चलायें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सहकारी बैंकों की ऋण गतिविधियों के व्यावसायिक पोर्टफोलियों का विकास करें ताकि वित्तिय समावेश की प्रक्रिया में तेजी लायी जा सके। स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न गति विधियों में ऋण सुलभ कराने हेतु सहकारिता सहभागिता योजना के आच्छादित करें जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां प्रारम्भ हो सके।
सचिव सहकारिता विजय कुमार ढौंडियाल द्वारा अवगत कराया गया कि संविधान की 97 वें संशोधन अधिनियम, 2011 के अनुरूप राज्य के सहकारी समिति अधिनियम को संशोधित किये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है।