नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने पूर्वोत्तर की सुरक्षा के लिए उत्तर पूर्व के राज्यों के बीच निर्बाधित समन्वयन एवं त्रुटिरहित खुफिया जानकारी साझा करने के महत्व पर बल दिया है। वह आज यहां इटानगर में पूर्वोत्तर क्षेत्र के डीएसजीपी/आईएसजीपी एवं केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) के प्रमुखों के 25वें सम्मेलन में शिष्टमंडलों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सुरक्षा बलों को पिछले कई वर्षों के दौरान सफलतापूर्वक इस जटिल मुद्वे के समाधान करने पर बधाई दी जिससे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य में सुधार आया है। श्री रिजिजू ने कहा कि उत्तर पूर्व के राज्यों में सुरक्षा के मुद्वे एवं नीति निर्माण अनूठे और चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि पूरा क्षेत्र पड़ोसी देशों की सीमाओं से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि इसकी भौगोलिक स्थिति एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा के कारण क्षेत्र को न केवल आंतरिक बल्कि बाहरी मुद्वों से भी जूझना पड़ता है। श्री रिजिजू ने क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने में पूर्वोत्तर राज्यों की पुलिस द्वारा निभाई जा रही भूमिका एवं केंद्रीय पुलिस बलों द्वारा दिए जा रहे निरंतर समर्थन की सराहना की।
श्री रिजिजू ने कहा कि पिछले साढ़ चार वर्षों के दौरान उत्तर पूर्व के राज्यों में सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार आया है और क्षेत्र में हिंसा की मात्रा एवं हताहतों की संख्या में 50 फीसदी से अधिक की कमी आई है।
अपने उद्घाटन भाषण में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडु ने पुलिस प्रमुखों से अंतर-राज्यीय सीमावर्ती जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच नियमित अनौपचारिक बातचीत सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया जिससे कि सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों की चिंताओं को दूर किया जा सके।
इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री एसबीके सिंह एवं खुफिया ब्यूरो के अपर निदेशक श्री ए के मिश्रा ने भी संबोधित किया।
पुलिस एवं खुफिया अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन में पूर्वोत्तर क्षेत्र के डीएसजीपी तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, केंद्रीय पुलिस संगठनों एवं खुफिया ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस विभाग भी सम्मेलन में हिस्सा ले रहा है।