भारत में विदेशी नागरिकों सहित कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित होने वालों की संख्या रविवार (26 अप्रैल) को बढ़कर 26,917 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को जारी आंकड़ों में कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के चलते 826 मौतें हुई हैं और वर्तमान में कुल 20,177 व्यक्ति महामारी से संक्रमित हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1975 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 47 लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से संक्रमित 594 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 5914 (1 माइग्रेटेड) पर पहुंच गई है।
महाराष्ट्र में कोविड-19 से सबसे ज्यादा मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार (26 अप्रैल) जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है। कोविड-19 से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में अब तक 323 मौतें हुई हैं, जबकि मध्यप्रदेश में 99 लोगों को इस वायरस ने लील लिया है। वहीं, गुजरात में संक्रमण के चलते 133 और उत्तर प्रदेश व दिल्ली में क्रमशः 29 और 54 लोगों की जान गई है।” कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले 7628 महाराष्ट्र से ही आए हैं। इसके बाद 3071 मामलों के साथ गुजरात दूसरे, जबकि 2625 मामलों के साथ दिल्ली तीसरे स्थान पर है।
1975 new #COVID19 cases & 47 deaths reported in the last 24 hours as the total number of positive cases in India stands at 26,917 (including 5914 cured/discharged/migrated and 826 deaths) https://t.co/jbuRgrfVQN
— ANI (@ANI) April 26, 2020
वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि कोरोना महामारी से लड़ रही दुनिया का अनुभव बता रहा है कि इस वायरस से टेस्टिंग से ही निपटा जा सकता है लेकिन हमारे पास पयार्प्त क्षमता होने के बावजूद सरकार महामारी से लडने के लिए इसका पूरा इस्तेमाल नहीं कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने रविवार को नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि कोरोना से निपटने के लिए टेस्टिंग ही एक मात्र तरीका है, लेकिन दुर्भाग्य से हमारे यहां कोरोना का पहला मामला मिलने के बाद से अब तक करीब पांच लाख 80 हजार लोगों के टेस्ट हो पाए हैं। भारत जैसे विशाल देश में जितनी टेस्टिंग हो रही है वह पड़ोसी देशों की तुलना में भी बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत के पास कोरोना की टेस्टिंग क्षमता प्रति दिन एक लाख है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि सरकार इस क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं कर रही है। उनका कहना था कि सरकार को इसका जवाब देना चाहिए कि जब उसके पास एक लाख लोगों को प्रति दिन टेस्ट करने की क्षमता है, तो हर दिन सिर्फ 39 हजार टेस्टिंग क्यों हो रही है। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि सरकार ने अपनी क्षमता को सीमित रखा है तो क्या इसके पीछे उसकी कोई सोची समझी रणनीति है। Source Live Hindustan