कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के चलते राजस्थान और पंजाब के बाद ओडिशा में भी लॉकडाउन की घोषणा हो गई है। राजस्थान और पंजाब में लॉकडाउन 31 मार्च तक के लिए किया गया है लेकिन ओडिशा में यह लॉकडाउन 29 मार्च को रात नौ बजे तक के लिए किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, राशन, सब्जी और दवा की दुकानों के अलावा सब कुछ बंद रहेगा। इस आदेश में कहा गया है कि शहर के अंदर बस, टैक्सी और ऑटो नहीं चलेंगे। इससे पहले राजस्थान लॉकडाउन की घोषणा करने वाला पहला राज्य था।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस को देखते हुए राज्य में 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन के आदेश दिए हैं। सभी जरूरी सरकारी सेवाएं जारी रहेंगी और जरूरी सामान जैसे कि खाना, दवाईं आदि की दुकानें खुली रहेंगी। DC और SSP को तत्काल प्रतिबंध लागू करने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को 31 मार्च तक के लिए आवश्यक सेवाओं को छोड़कर राज्य में पूर्ण लॉकडाउन का निर्देश दिया था। उन्होंने एक बयान में कहा था कि राज्य में कोरोना वायरस पर अंकुश पाने के लिए और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 22 मार्च से 31 मार्च तक जरूरी सेवाओं और मेडिकल सेवाओं को छोड़कर ‘पूर्ण लॉकडाउन होगा। गहलोत ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यालय, मॉल फैक्टरियां, सार्वजनिक परिवहन आदि इस दौरान बंद रहेंगे। राज्य में अब तक 25 को कोविड -19 से संक्रमित पाये गये हैं और 40 अन्य की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।
क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन एक तरह की आपातकाल व्यवस्था होती है। अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सकती है।
कोविड-19 की अफवाहों पर पंजाब पुलिस महानिदेशक ने दी चेतावनी
कोरोनावायरस महामारी पर फैलाई जा रही अफवाहों और फर्जी खबरों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने शनिवार को सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह की अफवाहों में लिप्त पाए जाने वालों को दंडित किया जाएगा और कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। पंजाब पुलिस महानिदेशक ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को चेतावनी दी है, “जो लोग मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके निराधार अफवाह और झूठ फैला रहे हैं, उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अफवाहों की वजह से लोगों के मन में अनावश्यक भय का माहौल है।”
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक दूसरे से जूड़े रहते हैं और जानकारी प्राप्त करते हैं। महानिदेशक ने लोगों को चेतावनी दी की अफवाहों में लिप्त पाए जाने वालों को दंडित किया जाएगा। गुप्ता ने आम जनता से दुभार्वनापूर्ण फॉरवर्ड और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से भय और अशांति नहीं बनाने की अपील की।
कोविड-19 संकट को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राजकोषीय पैकेज की मांग की है, साथ ही निजी अस्पतालों और लैब में टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है। अब तक राज्य में कुल 1,454 यात्रियों को घर पर ही क्वोरैंटाइन पर रखा गया है। 47 लोगों को सरकारी अस्पतालों में क्वारंटाइन पर और 18 को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है। Source Live हिन्दुस्तान