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अधिसूचना संख्या 45/19/2018-जीएसटी दिनांक 30 मई, 2018 के संबंध में शुद्धिपत्र

देश-विदेश

नई दिल्ली: कुछ पंजीकृत व्यक्तियों ने जीएसटीआर – 3बी फॉर्म दाखिल करते समय आईजीएसटी के भुगतान पर सेवाओं का निर्यात या आईजीएसटी के भुगतान पर एसईजेड (विशेष आर्थिक जोन) इकाई को शून्य दर पर की गई आपूर्ति घोषित करने में गलतियां की है। इन व्यक्तियों ने उक्त आपूर्तियों को फॉर्म जीएसटीआर-3बी के कॉलम 3.1 (बी) में दिखाने की बजाय कॉलम 3.1 (ए) (बाहर जाने वाली कर योग्य आपूर्ति) की सारणी में दिखाया है। ऐसे पंजीकृत व्यक्ति फॉर्म जीएसटी आरएफडी – 01 ए के तहत धनराशि वापसी आवेदन दाखिल करने के योग्य नहीं है। ऐसा, साझा पोर्टल पर उपलब्ध अपने से प्रमाणित करने वाले सुविधा की वजह से है। इस सुविधा ने जीएसटीआर – 3बी फॉर्म के कॉलम 3.1 (बी) में दाखिल की गई धनराशि को वापस करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

ऐसे पंजीकृत व्यक्तियों को राहत प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि 01 जुलाई, 2017 से 31 मार्च, 2018 तक की कर अवधि के लिए उन्हें फॉर्म जीएसटी आरएफडी – 01 ए के तहत धनराशि वापसी आवेदन दाखिल करने की अनुमति दी जाएगी। शर्त यह है वापसी के लिए दाखिल की गई धनराशि, जीएसटीआर – 3बी फॉर्म में सारणी के कॉलम 3.1 (ए), 3.1 (बी) और 3.1 (सी) की कुल सम्मलित धनराशि से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस संबंध में अधिसूचना संख्या 45/19/2018-जीएसटी दिनांक 30 मई, 2018 के जरिए स्पष्टीकरण दिया जा चुका है।

कुछ पंजीकृत व्यक्तियों ने मार्च, 2018 के बाद की कर अवधि के लिए भी ऐसी गलतियां की है। ऐसे व्यक्ति सेवाओं के निर्यात या एसईजेड इकाई को की गई आपूर्ति के लिए भुगतान कर धनराशि के संबंध में धनराशि वापसी का दावा करने के योग्य नहीं है। ऐसे व्यक्तियों की सहायता के लिए यह निर्णय लिया गया है कि राहत की अवधि में 30 जून, 2019 तक विस्तार दिया जाएगा। इसके लिए अधिसूचना संख्या 45/19/2018-जीएसटी दिनांक 18 जुलाई,  2019 को शुद्धिपत्र जारी किया गया है।

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