नई दिल्ली: जहां एक ओर दुनिया में कपास की खपत घट रही है वहीं कुछ राज्यों से कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाए जाने की मांग उठ रही है, ऐसे में केंद्र कपास के किसानों के लिए भी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना शुरू करने की योजना बना रहा है। मुंबई में आज अंतरराष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति की 74वें पूर्ण सत्र के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि केंद्र ने कपास उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखा है और 2015-16 के विपणन सत्र के लिए लांग स्टेपल वाली किस्म के कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 4,100 रुपये कर दिया है।
कपास किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के भुगतान के लिए डायरेक्ट पेमेंट डेफिसिएंसी सिस्टम (डीपीडीएस) के तहत महाराष्ट्र के हिंगणघाट तालुका में एक पायलट परियोजना शुरू की गई है। इस प्रणाली के तहत अगर बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ जाता है तो किसानों को एमएसपी और बाजार मूल्य के बीच के अंतर की राशि का सीधे भुगतान किया जाता है। इस सेवा का लाभ लेने के लिए किसानों को कृषि उपज मंडी समिति यार्ड (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी) में बेची गई कपास के साक्ष्य देने होंगे। इसके अलावा स्वामित्व दस्तावेज, उपज अनुमान और अन्य जानकारियां देनी होंगी। अगर यह पायलट परियोजना सफल होती है तो डीपीडीएस को सभी कपास उत्पादक क्षेत्रों में शुरू कर दिया जाएगा। कपड़ा सचिव डॉ एसके पांडा ने कहा कि नए कदम से किसानों को काफी हद तक लाभ होगा।