लखनऊ: उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग की सदस्य सुश्री आशा तिवारी ने समाचार पत्र में छपी खबर ‘नहीं मिला इलाज, बेटे ने कंधे पर ही तोड़ दिया दम’ प्रथमदृष्टया हैलट अस्पताल कानपुर की संवदेनहीनता/प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए स्व-प्रेरणा से संज्ञान में लेते हुए प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन एवं जिलाधिकारी कानपुर नगर व मुख्य चिकित्सा अधिकारी कानपुर नगर को प्रकरण की निष्पक्ष जांच करके आख्या आयोग को 15 दिन में भेजने के आदेश दिये हैं।
प्रकाशित समाचार के अनुसार कानपुर में सुनील के 12 साल के बेटे अंश को डेंगू हो गया था। पिता उसे प्राइवेट अस्पताल में ले गये। वहां हालत और खराब हो गई तो उसे हैलट अस्पताल लेकर पहंुचे। स्टेªचर नहीं मिला तो बीमार बेटे को कंधे पर उठाए पिता अस्पताल के एक कोने से दूसरे कोने तक डाक्टरों से मिन्नतें करते रहे। अन्त में बीमार बेटे ने पिता के कंधे पर ही दम तोड़ दिया था।