देहरादून: मुख्य सचिव एन.रवि शंकर की अध्यक्षता में बुधवार को आईएचएम में एडीबी मिशन की कंट्री डायरेक्टर टेरेसा खो और उनके दल के साथ बैठक हुई। राज्य सरकार ने एडीबी सहायतित परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति और कार्ययोजना की जानकारी दी।
उत्तराखण्ड शहरी क्षेत्र विकास निवेश कार्यक्रम, पर्यटन के लिए अवस्थापना विकास निवेश कार्यक्रम, ऊर्जा क्षेत्र निवेश कार्यक्रम, राज्य सड़क निवेश कार्यक्रम और उत्तराखण्ड आपात सहायता परियोजना के तहत चल रहे कार्यो की प्रगति और अगली कार्ययोजना के बारे में बताया गया।
एडीबी ने विभिन्न विभागों द्वारा किये जा हरे प्रयासों और प्रगति की सराहना की। शहरी क्षेत्र में 32 एमएलडी सीवेरज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना हल्द्वानी मंे करने, देहरादून में सीवरेज नेटवर्क के विस्तार, बांदल नदी पर भू-कटाव रोकन के लिए जाली लगाने और रूड़की, देहरादून व हल्द्वानी में ट्यूबवेल लगाने पर सैद्धांतिक सहमति बनी। पर्यटन क्षेत्र में अगले चरण के लिए की गई तैयारी पर एडीबी ने संतोष जताया। अगस्त-सितम्बर 2015 में लोन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हो जायंेगे। इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र में रोपवे को भी शामिल करने के लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव रखा। आपदा के समय बचाव कार्य करने में भी इससे मदद मिलेगी। एडीबी ने इस प्रस्ताव का परीक्षण कर निर्णय लेने के लिए कहा। उर्जा के क्षेत्र में संशोधित वित्त पोषण कार्ययोजना प्रस्तृत की गई। वित्त मामलों (डीईए) के अधिकारियों ने प्राथमिकता के आधार पर इसे स्पष्ट करने के लिए कहा। इसके अलावा एडीबी ने शेष बचे हेलीपैड के निर्माण के लिए 31 अक्टूबर 2015 तक निविदा करने पर सहमति जताई। सिंचाई के क्षेत्र में भी वित्त पोषण के लिए प्रस्तृतिकरण किया गया। एडीबी और डीईए (डिपार्टमेंट आफ इकोनामिक अफेयर्स) ने इस बारे में प्रस्ताव प्रस्तृत करने को कहा।
बैठक में डिप्टी कंट्री डायरेक्टर एल.बी. सोंडजाजा, डीईए की निदेशक शेफाली बी शरण और उत्तराखण्ड की ओर से अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव नियोजन एस. रामास्वामी, प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पंार, सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल, सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, सचिव लो.नि.वि. अमित नेगी, सचिव आपदा प्रबंधन मीनाक्षी सुंदरम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।