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गायत्री प्रजापति के खिलाफ रेप की FIR कराने वाली महिला बयान से पलटी, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चित्रकूट की महिला से गैंगरेप और उसकी नाबालिग बेटी से रेप के प्रयास के मामले में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने गलत सूचना व कोर्ट में झूठी गवाही देने पर महिला को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि वादिनी 28 अगस्त को लिखित स्पष्टीकरण दें कि कोर्ट में गलत सूचना व झूठी गवाही देने पर उसके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाए।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में उक्त केस दर्ज हुआ था। गत 23 जुलाई को कोर्ट में पीड़िता गवाही के दौरान अपने बयान से पलट गई थी। वादिनी के बयान से पलटने के बाद जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने गत 3 अगस्त को अर्जी देकर वादिनी से जिरह करने की मांग की थी। उसके बाद वादिनी कोर्ट में जिरह के लिए आने के बजाय मेयो मेडिकल सेंटर से जारी मेडिकल के आधार पर तारीख बढ़वा रही है। वादिनी ने रामकृष्ण होटल में उसके साथ बलात्कार होने का बयान कोर्ट में दिया था। जबकि कलमबंद बयान में घटनास्थल विधायक निवास गौतमपल्ली का भी बताया। वादिनी ने गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी व आशीष शुक्ला द्वारा उसकी नाबालिग बेटी से भी बलात्कार करने का बयान दिया था, जिसे बाद में बलात्कार का प्रयास कर दिया गया।

विशेष न्यायाधीश ने कहा कि वादिनी ने कोर्ट में दिए अपने बयान में केवल आशीष कुमार शुक्ला द्वारा दुराचार करने की बात कही है जबकि अपने कलमबंद बयान में उसने गायत्री प्रजापति, पिंटू सिंह, चंद्रपाल, विकास वर्मा, अशोक तिवारी तथा रूपेश द्वारा भी दुराचार किए जाने की बात कही थी। कोर्ट ने वादिनी का मेडिकल बनाने वाले मेयो मेडिकल सेंटर के डॉ. आरपी सिंह को भी 28 अगस्त को वादिनी के इलाज के समस्त दस्तावेजों के साथ तलब किया है। source: oneindia

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