देहरादून: राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान से आच्छादित विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की सचिवालय स्थित हाॅल में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि विद्यालय एवं विश्व विद्यालय शिक्षा को गुणवत्ता युक्त बनाने के लिए अभिनव प्रयोग करें ताकि यहां स्थित महाविद्यालय तथा विश्व विद्यालयों की पहचान राष्ट्र स्तर पर दर्ज हो। कार्यशाला में प्रदेश के 3 राज्य विश्वविद्यालयों तथा 32 राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यो द्वारा रूसा के अन्तर्गत गतिमान कार्यो का प्रस्तुतीकरण किया गया।उन्होने कहा यद्यपि उत्तराखण्ड की भौगोलिक विषम परिस्थिति को देखते हुए भी उत्तराखण्ड शिक्षा के क्षेत्र में आगे रहा है, उन्होने कहा कि पूर्व में किये गये सर्वे में अल्मोड़ा जनपद को शिक्षा के क्षेत्र, में केरल राज्य, जो साक्षरता में अग्रणी है, से जोड़ा जाता रहा है। डाॅ हृदयेश ने कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की मदद से महाविद्यालयों एवं विश्व विद्यालयों को अपनी पहचान निखारने की जरूरत है। उन्होने रूसा रिसोर्स सेन्टर के मुख्य सलाहकार श्री सीमान्त मोहन्ती से अपेक्षा की कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड की विशेष सहायता करने में आगे आयें। उन्होने कहा कि योग्यता के क्षेत्र में भारत वर्ष की विश्व में अपनी पहचान दर्ज है, यहां के छात्रों ने विश्वस्तर पर वैज्ञानिक, चिकित्सक एवं अनेक विधाओं में अपनी पहचान बनाई है, किन्तु यहां अवस्थित विश्व विद्यालयों ने अपनी पहचान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नही बना पाई है जिसके लिए विश्व विद्यालय एवं महाविद्यालयों के विद्वान प्राचार्य एवं प्रवक्ताओं से और अधिक मेहनत करने की अपेक्षा की। डाॅ इन्दिरा हृदयेश ने वर्तमान युग को प्रतियोगिता के युग की संज्ञा देते हुए उच्च शिक्षाविदों से एक्सीलेंस ऐजुकेशन के विस्तार पर बल दिया। उन्होने आश्वस्त किया, कि शिक्षण संस्थाओं में अध्यापन के समस्त रिक्त पदों को सितम्बर 2015 तक भर दिया जायेगा। उन्होने उपस्थित उप कुलपतियों तथा प्राचार्यो से परिणाम दिखाने वाले प्रवृत्ति से पठन-पाठन कराने के निर्देश दिये, ताकि उत्तराखण्ड के विश्व विद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ठ कार्य के लिए जाने जाए। उन्होेने कहा कि विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्य गुणवत्ता एवं समयबद्धता से पूरा न करने वाली कार्यदायी संस्थाओं को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जायेगा तथा उन्हें आंबटित कार्य को छीनकर गुणवत्ता एवं समयबद्धता से पूरा करने वाली कार्यदायी संस्थाओं को आवंटित कर दिया जाएगा। उन्होने कहा कि रूसा में स्वीकृत परियोजनाओं की डी.पी.आर 15 दिन के भीतर उपलब्ध न कराने वाली संस्थाओं से कार्य हटा दिया जायेगा।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ इन्दिरा हृदयेश ने ज्ञान को धन की संज्ञा देते हुए विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को पावर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का आहवान किया। डाॅ हृदयेश ने कहा कि राज्य सरकार की प्रभावी पहल पर प्रदेश को रूसा के अन्तर्गत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को संरचनात्मक सुविधाओं, परिसर विकास, शोध एंव प्रशिक्षण, पुस्तकों एवं फैक्लटी, के विस्तार के लिए वांछित धनराशि मिली है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी पहचान साबित करने के लिए किसी एक फैकल्टी को श्रेष्ठता के स्तर पर ले जाय ताकि उस विषय विशेषज्ञता में उसकी अलग पहचान हो। इसके लिए उन्होने विश्वविद्यालय के कुलपतियों से उनके द्वारा किये जाने वाले अभिनव प्रयोग की जानकारी पर विस्तार से चर्चा की। उन्होने कुमाऊं यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये अभिनव प्रयोग की प्रशंसा की। डाॅ इृदयेश ने कहा कि यज्ञपि राज्य सरकार के साधन सीमित है, फिर भी इस प्रकार के विशेषज्ञता पर कदम बढाने वाले विश्वविद्यालय को राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग करेगी।
बैठक में उत्तराखण्ड निर्माण निगम के महाप्रबन्धक द्वारा बैठक में प्रतिभाग न करने पर उन्हे चेतावनी के निर्देश अपर सचिव उच्च शिक्षा को दिये। उन्होने कहा कि कार्यदायी संस्थाएं उनकों आवंटित निर्माण कार्य के सम्बन्ध में सम्बन्धित महाविद्यालय के प्रधानाचार्य से समन्वय कर निर्माण कार्य को उनकी देख-रेख में समयबद्धता से पूरा करें। उन्होने राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा बैठक में प्रतिभाग न करने पर उनका स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिये।
बैठक में रूसा के अन्तर्गत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से प्राप्त प्रस्ताव के सापेक्ष विश्वविद्यालयों को प्राप्त धनराशि जिसमें, कुमाऊ विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा 1331.00 लाख, दून विश्व विद्यालय देहरादून द्वारा 2000.00 लाख, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्व विद्यालय हरिद्वार द्वारा 1825.00 लाख, राजकीय महाविद्यालय देवीधुरा चम्पावत 1029.00 लाख की धनराशि संचालित कार्यक्रमों के बारे में प्रस्तुतीकरण किया गया।
रूसा के राज्य नोडल अधिकारी डाॅ सतपाल सिंह साहनी ने बताया कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश के कुल 41 प्रस्तावों पर रू0 160 करोड़ की स्वीकृति पर सहमति प्रदान कर दी गयी है तथा रूसा की तैयारी के साथ-2 विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में संरचनात्मक सुविधाओं के लिए केन्द्राशं अवमुक्त किया जा चुका है। रूसा परियोजना निदेशालय के लिए शासन द्वारा कुल 16 पद स्वीकृत किये गये है तथा वित्तीय वर्ष 2015-16 में रूसा के लिए रू0 107 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बैठक में अपर सचिव उच्च शिक्षा श्रीधर बाबू अद्दांकी, कुमाऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो0 एच.एस धामी, संस्कृत विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार, कुलपति दून विश्व विद्यालय प्रो0 वी.के जैन, संयुक्त सचिव लक्ष्मण सिंह, प्रतिनिधि निदेशक डाॅ अनुराग अग्रवाल सहित वित्त नियंत्रक जयपाल सिंह तोमर उपस्थित थे।