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कोविड-19: स्मार्ट शहरों में सार्वजनिक स्थानों का कीटाणुशोधन

देश-विदेश

नई दिल्ली: समुदायों के सामाजिक जीवन में सार्वजनिक स्थलमहत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भले ही वे गलियां हों, बाजार, खरीदारी की जगहें हों, सामुदायिक केंद्र, पार्क, या खेल के मैदान हों या फिर रिहायशी इलाकों में बने आस-पास के स्थान।

कोरोना वायरस रोग 2019 (कोविड-19) एक तीव्र श्वसन रोग है, जो एक नॉवेल कोरोना वायरस (एसएआरएस-सीओवी-2) के कारण होता है, जो ज्यादातर मामलों में सांस की बूंदों, संबंधित मामलों के सीधे संपर्क में आने और दूषित सतहों या वस्तुओं के माध्यम से संक्रमित होता है। हालांकि ये वायरस विभिन्न समय तक पर्यावरणीय सतहों पर जीवित रहता है, लेकिन यह रासायनिक कीटाणुनाशकों द्वारा आसानी से निष्क्रिय हो जाता है।

जब से कोविड-19 के फैलाव को वैश्विक महामारी के रूप में घोषित किया गया है, तब से भारतीय शहरों को साफ करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। विशेष रूप से उन सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने के प्रयास किए जा रहे हैं जो इस वायरस के स्थानीय प्रसार के जोखिम वाले क्षेत्र हैं। 25 मार्च 2020 को जब से राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की गई है, तब से बसों / रेलवे स्टेशनों, सड़कों, बाजारों, अस्पताल परिसरों, बैंकों आदि सहित सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने के लिए शहर कई तरीके अपना रहे हैं।

शहर की सरकारों ने अग्निशमन विभागों के साथ सहयोग किया है और शहर में सभी सड़कों पर कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करने के लिए अग्निशमन वाहनों, वॉटर वॉश पंप आदि का इस्तेमाल किया है।

(फोटोः एक नगरपालिका कार्यकर्ता बेंगलुरु में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कीटाणुनाशक का छिड़काव करता हुआ)

ताजी सब्जियों जैसे आवश्यक सामान की उपलब्धता के लिए शहरों में कृषि बाजारों को चालू किया गया और इन स्थानों को सुरक्षित रखने के लिए शहरी सरकारों द्वारा उपाय किए गए हैं। सब्जी मंडियों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर हाथ धोने की सुविधा दी जा रही है।

सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग करके सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने जैसे अभिनव तरीके शहरों द्वारा अपनाए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए तिरुपुर ने हाल ही में एक कीटाणुशोधन सुरंग को लागू किया है, जिसे अब कई शहरों में वहां के कृषि / सब्जी बाजारों में दोहराया जा रहा है। इस के आधार पर आवश्यक सेवाओं के प्रावधान की जिम्मेदारी वाले विभिन्न प्रतिष्ठानों में भी कीटाणुशोधन कक्षों को लगाया जा रहा है।

सार्वजनिक सड़कों के कीटाणुशोधन में कुशल भौगोलिक दायरा कवर करने के लिएराजकोट और सूरत जैसे शहरों ने उच्च-निकासी वाले बूम स्प्रेयर अपनाए हैं।

चेन्नई, बेंगलुरु, रायपुर और गुवाहाटी जैसे स्मार्ट शहरों ने उन सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने के लिए ड्रोन्स जैसे प्रौद्योगिकी समाधानों का उपयोग किया है जहां इंसानों को पहुंचने में मुश्किल होती है।

स्मार्ट शहरों द्वारा जो कुछ प्रमुख उपाय अपनाए गए उनमें ये शामिल हैं:

शहर पहल
गुवाहाटी शहर भर में स्वच्छता गतिविधियां अंजाम दी जा रही हैं। शहर के सभी कोनों को किसी भी तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए एंटी-बैक्टीरियल का छिड़काव किया जा रहा है। 1,200 कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सुबह के घंटों में हर दरवाजे पर जाकर कचरा जमा किया जाएगा। स्वच्छता कार्यकर्ताओं को पूरे शहर में तैनात किया जाएगा ताकि कीटाणुनाशक छिड़का जा सके।
मुजफ्फरपुर कीटाणुनाशक छिड़काव – फॉगिंग, एंटी-लार्वा छिड़काव और कीटाणुनाशक छिड़काव का उपयोग करके पूरे शहर को स्वच्छता किया जा रहा है।
पटना शहर प्रशासन (पटना नगर निगम) ने 24 मार्च 2020 से जेटिंग मशीनों का उपयोग करके शहर में सभी सार्वजनिक स्थानों का कीटाणुशोधन सुनिश्चित किया है। सभी सार्वजनिक उपयोग के भवनों जैसे बैंक, अस्पताल आदि की सफाई का काम किया गया है। बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों को पटना नगर निगम द्वारा सैनिटाइज़ किया गया। कोरोना वायरस के फैलाव के खिलाफ एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।
धर्मशाला सार्वजनिक स्थानों के व्यापक कीटाणुशोधन के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट (ब्लीच) के घोल का छिड़काव करने के लिए अग्निशमन टेंडरों का उपयोग किया गया।
धर्मशाला वो सभी माल वाहन जो मैक्लोडगंज के पूरी तरह से क्वॉरंटीन किए गए क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं के वितरण के काम में लगे हुए हैं, उन्हें नियमित रूप से निकास द्वार पर धर्मशाला नगर निगम द्वारा कीटाणुरहित किया जा रहा है।
जम्मू युद्धस्तर पर जम्मू शहर के प्रमुख क्षेत्रों को सैनिटाइज़ किया जा रहा है। इस स्वच्छता अभियान में सभी 75 पार्षदों को युद्धस्तर पर छिड़काव के लिए संबद्ध सामग्री स्प्रे पंप और सोडियम हाइपोक्लोराइट भेजे गए हैं।
रांची फॉगिंग मशीनों का उपयोग करके पूरे शहर के स्वच्छता के लिए 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट घोल का उपयोग किया जा रहा है।
कवरत्ती सभी गतिविधियां यूटी प्रशासन और उसके संबंधित स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित की जा रही हैं। नियमित सफाई की तरह शहर में सैनिटाइज़ेशन गतिविधियां की जा रही हैं।
शिलॉन्ग शहर पुलिस द्वारा सख्त निगरानी के साथ नियमित छिड़काव और जागरूकता अभियानों द्वारा शहर का स्वच्छताकरण किया जा रहा है। लॉकडाउन जारी किया और सार्वजनिक स्थानों पर 5 या अधिक लोगों की सभा को प्रतिबंधित करते हुए कर्फ्यू लगाया गया है।
आइजोल आवश्यक सेवाओं के तहत काम करने वाले अधिकारियों की सुरक्षा के लिए परिसर के मुख्य द्वार पर एक हाथ धोने का बेसिन लगाया गया है।
कोहिमा शहर को कीटाणुरहित करने के लिए सड़क की सफाई वाले वाहनों का उपयोग।
भुवनेश्वर बीएससीएल के कुछ अधिकारी भुवनेश्वर नगर निगम द्वारा अंजाम दिए जा रहे शहर की सब इकाइयों और सुविधाओं की सफाई और कीटाणुशोधन कार्य की निगरानी कर रहे हैं।
अमृतसर निर्दिष्ट रूप में रसायनों का उपयोग करके पूरे शहर का स्वच्छताकरण चल रहा है। ऐसे छिड़काव के लिए फायर ब्रिगेड की मदद ली जा रही है।
चेन्नई कीटाणुशोधन प्रक्रिया में ड्रोन का उपयोग।
कोयंबटूर ड्रोन का उपयोग सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने के लिए किया जा रहा है।
मदुरै 30 महत्वपूर्ण स्थानों पर हाथ धोने के लिए वॉश बेसिन के साथ सार्वजनिक नल उपलब्ध कराए गए। मदुरै शहर नगर निगम द्वारा हैंड सैनिटाइज़र तैयार किया गया है और उसे सरकारी कार्यालय में प्रवेश करते समय जनता और अधिकारियों को लगाया जाता है।
मदुरै सात जेट रोडिंग मशीनों द्वारा दिन में दो बार 5 फीसदी लाइज़ोल के साथ एक घोल को सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, स्कूलों, सड़कों में छिड़का जा रहा है। मदुरै कॉर्पोरेशन के 100 वार्डों की सड़कों पर 5 फीसदी लाइज़ोल घोल छिड़कने के लिए 100 हैंड स्प्रेयर का उपयोग किया जा रहा है।
तंजावुर बड़ी सड़कों पर जेट रोडिंग मशीन का इस्तेमाल सोडियम हाइपोक्लोराइड का उपयोग करते हुए कीटाणुशोधन वाहन के रूप में किया जा रहा है। इसी तरह छोटी सड़कों में पानी से धोने वाले पंपों का उपयोग किया जा रहा है।
तंजावुर अग्निशमन सेवा विभागों के साथ मिलकर काम करते हुए कीटाणुशोधन कार्यों के लिए उनके संसाधनों का उपयोग।
वेल्लोर शहर के सभी प्रवेश बिंदुओं को नियंत्रित किया जा रहा है और जांच और सफाई की अलग अलग व्यवस्थाएं की गई हैं।
तिरुपुर उचित सामाजिक दूरी के साथ महत्वपूर्ण स्थानों पर हाथ धोने की व्यवस्था की गई है।
ग्रेटर वारंगल पूरे शहर के स्वच्छताकरण का काम चल रहा है। अग्निशमन विभागों की सेवाओं का उपयोग इसके लिए किया जा रहा है। सभी विधायक और वरिष्ठ अधिकारी खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं।
करीमनगर ट्रैक्टर के ऊपर लगाए गए फव्वारों और रसायन के रूप में ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल करके पूरे शहर को स्वच्छ करने का काम जारी है।

शहर पहल
अगरतला पूरे शहर को स्वच्छ कर दिया गया है। 6 अप्रैल तक रोज़ दिन और रात 30,000 लीटर कीटाणुनाशक छिड़का गया। 1 फीसदी हाइपोक्लोराइट छिड़काव का उपयोग करते हुए सड़कों, दुकानों, अस्पतालों, एटीएम, अंतर्राष्ट्रीय चेक पोस्ट आदि सभी सार्वजनिक स्थानों पर रोज रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक भारी कीटाणुशोधन का कार्य। शहर ने हमारी सक्शन जेटिंग मशीनों को संशोधित किया है जो आमतौर पर ढके हुए नालों की सफाई के लिए उपयोग में लाई जाती हैं।
लखनऊ नागरिकों के बीच महत्वपूर्ण संदेशों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ठोस कचरा वाहनों का इस्तेमाल, सभी वार्डों में फॉगिंग और स्वच्छता का कार्य।
अलीगढ़ पूरे शहर की स्वच्छता और फॉगिंग के लिए एग्ज़िटिंग वाहनों में संशोधन। सड़कों, दुकानों, अस्पतालों, एटीएम आदि सभी सार्वजनिक स्थानों का व्यापक कीटाणुशोधन।
बरेली सभी वार्ड में एंटी लब्बा फॉगिंग, शहर की दिन में दो बार सफाई।
मुरादाबाद आने वाले यात्रियों के घर और इलाके की सफाई, पूरे शहर की फॉगिंग समय-समय पर की जा रही है।
मुरादाबाद पूरे शहर की स्वच्छता के लिए शहर में विशेष सफाई अभियान चलाया गया।
सहारनपुर सार्वजनिक स्थानों पर कीटाणुनाशक छिड़काव करने के लिए छह भारी वाहनों और 100 से अधिक हाथ से चलाने वाली मशीनों को तैनात किया गया।
तिरुपुर तिरुपुर को कोविड-19 से लड़ने के लिए एक अनोखा कीटाणुशोधन कक्ष मिला है। यह कीटाणुशोधन कक्ष जिला प्रशासन द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ की युवा शाखा ‘यंग इंडियंस’ के सहयोग से स्थापित किया गया। कोरोना वायरस के आगे के प्रसार को रोकने के लिए तिरुपुर जिला प्रशासन के प्रयासों का हिस्सा ये कीटाणुशोधन कक्ष है। बाजार में प्रवेश करने वाले लोगों को अपने हाथों को धोने और तीन से चार सेकेंड तक कीटाणुशोधन कक्ष से गुजरने के लिए कहा जाता है, जिसके दौरान स्प्रेयर ओवरहेड उन पर सुरक्षात्मक पदार्थ छिड़कते हैं। एक बार जब वे कीटाणुशोधन कक्ष से बाहर आ जाते हैं, तो उन आगंतुकों को बाज़ार में जाने की अनुमति दी जाती है।
राजकोट राजकोट सार्वजनिक सड़कों और सार्वजनिक स्थानों के कीटाणुशोधन के लिए उच्च निकासी वाले बूम स्प्रेयर का उपयोग करता है। राजकोट नगर निगम द्वारा राजकोट की सड़कों और गलियों में कीटाणुनाशक छिड़काव करने के लिए चार उच्च निकासी के बूम स्प्रेयर (कृषि क्षेत्रों में प्रयुक्त) का उपयोग किया जा रहा है। हम जल्द ही ऐसी 14 और मशीनों को खरीदेंगे। इस प्रकार शहर के सभी 18 वार्डों को कवर किया जाएगा।

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