लखनऊ: श्री जग मोहन यादव, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त जोनल पुलिस महानिरीक्षकों, परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षकों एवं समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, प्रभारी जनपदों को परिपत्र के माध्यम से निर्देश दिये हैं कि दुधारू पशुओं के अवैध वध एवं उनके अनाधिकृत परिवहन को रोकने हेतु समय-समय पर विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं फिर भी वर्तमान समय में दुधारू पशुओं विशेषकर गौवध की घटनाएॅं प्रकाश में आ रही हैं । इस प्रकार की घटनाओं से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के साथ-साथ इसका प्रतिकूल प्रभाव शान्ति व्यवस्था पर भी पड़ता है ।
पुलिस महानिदेशक द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि जनपद में स्थित पशुवधशालाओं का अधिकृत अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण किया जाय और सुनिश्चित किया जाय कि उन पशुवधशालाओं में पशुओं का अवैध कटान तो नहीं हो रहा है। जनपदों में यह अभिसूचना भी विकसित की जाय कि जनपद में कहीं अवैध पशुवध तो नहीं हो रहा है । यदि ऐसा है तो सम्बन्धित व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाय। विगत पाॅंच वर्षों में पशुओं की तस्करी के सम्बन्ध में एकत्रित सूचनाओं का अवलोकन कर ऐसे मार्गों को चिन्हित कर लिया जाय, जहाॅं पशु तस्करी की अत्यधिक घटनायें घटित हुई हैं । इन मार्गों पर आकस्मिक निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। पशु तस्करों के बारे में विलेज क्राइम नोटबुक में अंकन किया जाय । ऐसे अपराधी जो पूर्व में भी इन गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं, पुनः ऐसे अपराध कारित करते हुए पाये जाते हैं, तो इन अपराधियों के विरूद्ध हिस्ट्रीशीट खोलकर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
प्रत्येक थाना क्षेत्र में साप्ताहिक/पाक्षिक/मासिक रूप से लगने वाले पशु मेला/हाट का निरीक्षण कर विधिक प्राविधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय तथा कड़ी निगरानी रखी जाय । पशुओं की खरीद फरोख्त करने वाले व्यापारियों के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी एकत्रित की जाय । जनपद में अवैध पशु वध रोकने के अभियान के दौरान बचाये जाने वाले पशुओं के लिए सरकारी/निजी शेल्टर/काजी हाउस को भी चिन्हित कर लिया जाय ताकि बचाये गये पशुओं को इन स्थानों पर भेजा जा सके । प्रदेश की सीमा से अन्य राज्यों को जोड़ने वालेे मार्गों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाय और नियमित चेकिंग की जाय, जो कि पशु तस्करी की दृष्टि से संवेदनशील है।