देहरादून: कामनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (सी पी ए ) इंडिया रीज़न की ज़ोनल गतिविधियों के संबंध में लोक सभा दिल्ली में आयोजित बैठक में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल सम्मिलित हुए ।बैठक की अध्यक्षता सीपीए इंडिया रीज़न की अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन द्वारा की गई।
ग़ौरतलब है कि चार ज़ोन में बाँटे गए सीपीए इंडिया रीज़न के प्रथम द्वितीय व तृतीय ज़ोन में आठ-आठ राज्य एवं चौथे जोन में सात राज्यों को सम्मिलित किया गया है।जिसमें प्रथम जोन की तीन सदस्यीय समिति में बिहार ,दिल्ली एवं उत्तराखंड राज्य हैं । बैठक के दौरान तीन सदस्यीय समितियों ने ही अपने-अपने ज़ोन का नेतृत्व किया।
बैठक के दौरान सी पी ए इंडिया रीज़न के अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि चारों ज़ोनल वाइज़ कार्यक्रम बनाए जाए एवं दो अथवा तीन राज्य मिलकर आपस में बैठक करें या फिर पूरे एक ज़ोनल की बैठक आयोजित कर विषयों पर चर्चा करें। उन्होने कहा कि इस प्रकार से कम खर्चों में ज़्यादा काम एवं निष्कर्ष निकलकर आएंगे।
सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्होंने स्पीकर रिसर्च इनिशिएटिव (एसआरआई), का गठन किया है जो कानून बनाने, संसदीय बहस, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के जटिल मुद्दों का जवाब देने में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने में संसद के सदस्यों की सहायता करने में कारगर सिद्व हो रही है।
इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि उन्होन उत्तराखंड विधानसभा के लिए 30 लाख रुपये का पेपर लेस बजट का प्रावधान रखा है एवं सतत् विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति संबंधी कमेटी भी प्रस्तावित की गई है ।श्री अग्रवाल ने कहा कि ज़ोनल मीटिंग लंबे समय के दौरान न होकर चार छह महीने के अंतराल में होनी चाहिए ।
लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने हाल में ही चलें उत्तराखंड बजट सत्र फ़्री जिसमें बिना प्रधान के फ़ैन एवं शनिवार को भी सत्र चलाने तथा फ़्री प्रश्नकाल में फ़्री सभी प्रश्नों को फ़्री उत्तरी थोड़े पर फ़्री उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष फ़्री फ़्री श्री अग्रवाल को बधाई दी
बैठक में विभिन्न राज्यों के विधानसभाओं के विधानसभा अध्यक्षअरुणाचल प्रदेश के तेनजिंग नॉर्बू थोंगडोक, असम के हितेंद्र नाथ गोस्वामी, दिल्ली के राम निवास गोयल, मध्य प्रदेश के सतीशरण शमा, तेलंगाना के स्वामी गौड एवं उत्तराखंड विधानसभा के विधानसभा सचिव श्री जगदीश चंद उपस्थित थे।