देहरादून: सरकार का प्रयास है कि खुशहाल उत्तराखण्ड के साथ ही सांस्कृतिक उत्तराखण्ड बने। यदि राज्य के पारम्परिक शिल्प को बचाना है तो इसे रोजगार से जोड़ना होगा। शिल्प हमारी संस्कृति का हिस्सा है। यदि संस्कृति का संरक्षण करना है तो शिल्प का संरक्षण जरूरी है।
हाथीबड़कला स्थित सर्वे आॅफ इण्डिया में उत्तराखण्ड शिल्पकार चेतना मंच की स्मारिका विमोचन के अवसर बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमें अपने गांव, अपनी खेती, अपना पानी, अपनी संस्कृति को बचाने के लिए बड़े प्रयास करने होंगे। हमारे कमजोर होते शिल्प संरक्षण के लिए जो प्रयास सरकार द्वारा अब प्रारम्भ किए गए हैं, वे 20 साल पहले किए जाने चाहिए थे।