लखनऊ: प्रदेश के ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ ने आज यहां योजना भवन स्थित सभागार में ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं व अधिष्ठानों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा और ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण गरीब परिवारों को अधिक से अधिक रोजगार दिया जाय। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग की योजनायें गांव की प्रगति का आधार है इसलिए लक्ष्य बनाकर ग्राम्य विकास की सभी योजनाओं को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाय।
श्री मोती सिंह ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी ग्राम्य विकास के लिए अधिक से अधिक कार्य योजना तैयार कर ग्रामीणों को लाभ दें। उन्होंने मनरेगा के अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को 100 दिन का मानव दिवस सृजन तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को आवश्यक रूप से 90 दिन का मानव दिवस सृजन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा में कंवर्जेन्स को शामिल कर पात्र ग्रामीणों के लिए अधिक से अधिक रोजगार का सृजन करें ताकि कंवर्जेन्स जनसामान्य को दिखायी दे। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत खराब प्रगति वाले जनपदों को फटकार लगाते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि 31 मार्च तक दिए गए लक्ष्य को पूरा करें इसके साथ ही साथ शत-प्रतिशत आवासों में शौचालय निर्माण कराए जाएं।
ग्राम्य विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण तथा मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा के दौरान अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने का दोषी पाये जाने पर सम्बंधित के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने निर्देश दिया कि मुसहर एवं वनटांगिया परिवारों को अनिवार्य रूप से 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाए, जिससे इनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद मिल सके।
श्री मोती सिंह ने कहा कि मनरेगा में वर्ष 2019-20 में 25 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य था जिसके अभी तक लगभग 23.31 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। उन्होंने निर्देश दिया कि मनरेगा के तहत अधिक से अधिक मानव दिवसों का सृजन कराएं। उन्होंने कहा कि मनरेगा में मानव दिवस का सृजन अगले सत्र में उपायुक्त खंड विकास अधिकारी व पीडी के स्थानांतरण का आधार होगा। उन्होंने चिन्हित सभी मनरेगा ग्रामों में लक्ष्य के सापेक्ष शेष बचे कार्यों को 31 मार्च, 2020 तक पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों की शत-प्रतिशत जियोटैगिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा गांव की संकल्पना को पूरा करके देश के लिए उत्तर प्रदेश रोल मॉडल बनेगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत चयनित कार्यों यथा खेल का मैदान, तालाबों की पूर्णता, व्यक्तिगत लाभार्थी परक कार्यों की प्रगति, एनआरएम कार्यों पर व्यय, मनरेगा ग्राम की प्रगति तथा वृक्षारोपण कार्यों की समीक्षा नियमित रूप से प्रत्येक 15 दिन पर प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास की अध्यक्षता में होगी।
श्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों में एसेट क्रिएट करने वाले कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि मनरेगा के तहत नए तालाबों के निर्माण के साथ-साथ पुराने तालाबों के रखरखाव का विशेष ख्याल रखें।
श्री मोती सिंह ने निर्देश दिया कि अभियान चलाकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित शत प्रतिशत सड़कों के अनुरक्षण का कार्य शीघ्र पूर्ण करा लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि पीएमजीएसवाई के तहत सड़कों के निर्माण का डीपीआर शीघ्र सबमिट कराएं।
ग्राम्य विकास मंत्री ने यूपीएसआरएलएम की समीक्षा बैठक करते हुए निर्देश दिया कि अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह को खोलने हेतु प्रोत्साहन दिया जाय। 31 मार्च तक पात्र समूहों को रिवाल्विंग फंड (आर एफ) एवं कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड (सीआईएफ) जारी किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि नए स्वयं सहायता समूहों खुलवाने के साथ-साथ निष्क्रिय पड़े समूहों को भी एक्टिव किया जाए। समूह खुलने के एक सप्ताह के अंदर समूह के बैंक खाते खोले जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ लिविंग की दिशा में तेजी से काम करें जिससे समाज के निचले पायदान पर खड़े लोगों के जीवन स्तर को उठाया जा सके। इस अवसर पर उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी हीरो रूर्बन मिशन योजना की प्रगति की भी समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री मनोज सिंह, महानिदेशक यूपी०आई०आर०डी० श्री एल0 बेंकटेश्वर लू०, आयुक्त ग्राम्य विकास श्री के० रविंद्र नायक, मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपी०आर०आर०डी०ए० श्री सुजीत कुमार, जिलों के मुख्य विकास अधिकारी एवं डीसी मनरेगा एवं पीडी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।