नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम.वैंकेय्या नायडु ने योजना और वास्तुकला के छात्रों को सुझाव दिया है कि वे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए कम लागत पर शहरी सुविधाओं का निर्माण करें। उन्होंने प्राधिकरणों, वास्तुकारों और सिविल इंजीनियरों से कहा कि उन्हें अवसंरचना का डिजाइन तैयार करते समय पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और डिजाइन में आधुनिकता और परंपरा का बेहतर तालमेल करना चाहिए। वे आज आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित योजना तथा वास्तुकला विद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल श्री ई.एस.एल नरसिम्हन, आंध्र प्रदेश के सामाजिक कल्याण और सशक्तिकरण मंत्री श्री नक्का आनंद बाबू और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने इस बात को रेखांकित किया कि आज परंपरा और तकनीक के बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। प्रत्येक व्यक्ति को सतत विकास के लिए कार्य करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे ग्रामीण क्षेत्र कंक्रीट के जंगल न बन जाए।
उपराष्ट्रपति महोदय ने आईआईटी और एनआईटी के समान उच्च मानदंड बनाए रखने के लिए एसपीए, विजयवाड़ा की सराहना की।