18 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

जागरूकता पैदा करना और सामुदायिक भागीदारी संकेतक प्रजातियों के संरक्षण के अभिन्न अंग हैं: भूपेंद्र यादव

देश-विदेश

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने बताया है कि हर साल 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। डॉल्फिन के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने के यह एक ऐतिहासिक कदम है। श्री यादव ने कहा कि संकेतक प्रजातियों के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करना और सामुदायिक भागीदारी अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने आज यहां राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति की 67वीं बैठक की अध्यक्षता की।

स्थायी समिति ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों और राज्य सरकारों व केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन की ओर से भेजे गए वन्यजीव मंजूरी के प्रस्तावों पर चर्चा की।

स्वस्थ जलीय पारिस्थितिक तंत्र हमारे ग्रह की समग्र सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं। डॉल्फिन एक स्वस्थ जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के आदर्श पारिस्थितिक संकेतक के रूप में कार्य करती है और डॉल्फिन के संरक्षण से प्रजातियों के अस्तित्व और अपनी आजीविका के लिए जलीय प्रणाली पर निर्भर लोगों को लाभ होगा। मंत्रालय डॉल्फिन और उसके निवास के संरक्षण के लिए कई गतिविधियां संचालित कर रहा है। यह देखते हुए कि डॉल्फिन के संरक्षण के लाभ के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना और संरक्षण के प्रयासों में लोगों की भागीदारी अनिवार्य है, स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि हर साल 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

स्थायी समिति ने वन्यजीव मंजूरी के 46 प्रस्तावों पर भी विचार किया। साथ ही सार्वजनिक महत्व और स्थानीय समुदायों की आजीविका में सुधार जैसे- लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के गांवों में बिजली पहुंचाना, कर्नाटक के गांववालों को पेयजल आपूर्ति आदि के लिए आवश्यक कई परियोजनाओं की सिफारिश की। बैठक के दौरान केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में सड़क और सीमा चौकी जैसी रणनीतिक महत्व की परियोजनाओं की भी सिफारिश की गई।

स्थायी समिति ने सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए हरियाणा राज्य में मिट्टी के बांधों के निर्माण के लिए चार प्रस्तावों की सिफारिश की। इन बांधों से अभयारण्य में भूजल स्तर बढ़ेगा, जो वन्यजीवों के निवास के लिहाज से लाभकारी होगा।

स्थायी समिति ने उत्तराखंड राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क परियोजना की भी सिफारिश की, जिससे उपयुक्त पशु मार्ग संरचनाओं के साथ दूरदराज के गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।

लद्दाख में भू-तापीय जलाशय के ऊपर चट्टानों में ड्रिलिंग द्वारा बिजली उत्पादन और अन्य प्रत्यक्ष ताप अनुप्रयोगों के लिए भू-तापीय ऊर्जा के दोहन के लिए एक परियोजना की भी सिफारिश की गई।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More