नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों के निर्माण के ऐतिहासिक कदम ने क्षेत्र में विकास और प्रगति के द्वार खोल दिए हैं। आज दिल्ली में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से आए शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए पुराने कानून थे और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के विकास में सिर्फ बाधक बने हुए थे। उन्होंने कहा कि इन अनुच्छेदों के निरस्त करने से केंद्रशासित प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, एसीबी की स्थापना के साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग शुरू हो गई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश बनने के साथ ही शिक्षक राज्य सरकार के कर्मचारी से अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का वेतन दोगुना हो गया है और वे अब सीजीएचएस स्वास्थ्य देखरेख सुविधा, शिक्षा भत्ता, बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रावास शुल्क भरपाई और एलटीसी जैसे कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने नियमित वेतन भुगतान के अलावा नवनिर्मित केंद्रशासित प्रदेशों के लिए स्वायत्त स्वतंत्र शिक्षा आयोग की स्थापना, पारदर्शी स्थानांतरण नीति और स्कूली शिक्षा विभाग के सभी संवर्गों के लिए डीपीसी की शिक्षकों की मांगों पर सुनवाई की।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश के लिए एक नई सुबह का वादा किया है। उन्होंने कहा कि कठुआ, उधमपुर, डोडा में आठ मेडिकल कॉलेज और जम्मू और श्रीनगर में दो एम्स खोले जाने को मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि पंचायतों को विकास कार्य करने के लिए एक-एक करोड़ रुपये दिए गए हैं। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इन सबके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि जम्मू और कश्मीर में केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति अस्थायी है और उपयुक्त समय आने पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।