भारत के शीर्ष क्रिकेटरों को अब तक अपना संशोधित वेतन नहीं मिला है जबकि उनके केंद्रीय अनुबंधों पर पांच मार्च को ही हस्ताक्षर करा लिये गये थे और कल यहां प्रशासको की समिति (सीओए) के विरोध में होने वाली बीसीसीआई की विशेष आम बैठक में यह मुद्दा चर्चा का अहम विषय होगा।
खिलाड़ी 23 जून को ब्रिटेन (आयरलैंड और इंग्लैंड) के लंबे दौरे के लिये रवाना होंगे जो करीब तीन महीने लंबा होगा। अधिकारी शुक्रवार को बैठक के लिये इकट्ठा होंगे जिसमें 10 मुद्दों के एजेंडे पर चर्चा होगी। बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने पीटीआई से कहा- हां, अनुबंध मेरे पास हैं।
अगर बैठक में कल संशोधित वेतन संरचना को मंजूरी मिल जाती है तो मैं इस पर हस्ताक्षर कर दूंगा। अगर वे इसे मंजूरी नहीं देते हैं तो मेरे हाथ बंधे हैं। किसी भी नीतिगत फैसले को आम सभा की मंजूरी की जरूरत होती है और मैं नियम नहीं तोड़ सकता। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त सीओए ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बैठक को मंजूरी नहीं देते।
उसने वेतन पाने वाले अधिकारियों को इसमें हिस्सा लेने पर भी रोक लगा दी थी। लेकिन पैनल प्रमुख विनोद राय खिलाड़ियों के भुगतान में हो रही देरी से चिंतित हैं। उन्होंने कहा- मुझे व्यक्तिगत रूप से अच्छा नहीं लग रहा कि खिलाड़ियों को समय पर भुगतान नहीं हो रहा। मुझे जरा भी नहीं पता कि आम सभा का क्या फैसला होगा।
लेकिन लंबे समय से वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्ताव रखा हुआ था। खिलाड़ियों के हस्ताक्षर के बाद इस अनुबंध की प्रति सचिव को भेज दी गयी थी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि सीओए ने इसको मंजूरी नहीं दी है। इसी तरह क्रिकेट परिचालन महाप्रबंधक सबा करीम भी इसमें शिरकत नहीं करेंगे। बैठक में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
बैठक को रोकना हालांकि सीओए के अधिकार क्षेत्र में शामिल नहीं है तो उसने अपने कर्मचारियों को कहा है कि वे सदस्यों के हवाई यात्रा और टीए-डीए का भुगतान नहीं करें। संशोधित अनुबंध प्रणाली के अंतर्गत ए प्लस वर्ग के खिलाड़ियों को सात करोड़ रूपये, ए ग्रुप के खिलाड़ियों को पांच करोड़ रूपये तथा बी और सी वर्ग के खिलाड़ियों को क्रमश: तीन करोड़ और एक करोड़ रूपये दिये जायें।
पता चला है कि खिलाड़ियों ने नये अनुबंध पर हस्ताक्षर सीओए से गहन चर्चा के बाद ही किये। इसी के हिसाब से सीओए ने सात मार्च को नयी वेतन संरचना के हिसाब से 27 खिलाड़ियों के नाम जारी किये। हालांकि बीसीसीआई के मौजूदा संविधान के अनुसार सचिव अब भी सभी खिलाड़ियों के अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिये अधिकृत है।
जिससे अनुबंध के हिसाब से भुगतान करने के लिये चौधरी के हस्ताक्षर की जरूरत है। इसके अलावा बीसीसीआई बैठक में आईसीसी से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा करेगी जिसमें विवादास्पद सदस्य भागीदारी समझौता (एमपीए) शामिल है जिसके अंतर्गत भारत में होने वाली 2021 चैम्पियंस ट्राफी को बदलकर आईसीसी विश्व टी20 कर दिया गया है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के द्विपक्षीय सीरीज के समझौते का सम्मान नहीं करने के लिये सात करोड़ डालर का मुआवजा मांगने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। बीसीसीआई किसी भी हालत में पीसीबी को मुआवजा नहीं देगा। बीसीसीआई के कानूनी प्रतिनिधित्व, विभिन्न नियुक्तियों , राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के नीतिगत फैसलों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है।